पटना: पटना में सीएम नीतीश कुमार का समाज सुधार अभियान (CM Nitish Kumar Samaj Sudhar Abhiyan in Patna) आयोजित हुआ. सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह से मुक्ति हेतु ये कार्यक्रम आयोजित हुआ. उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही हमलोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और वर्ष 2011 से ही इसको लेकर हमने अभियान चलाना शुरू कर दिया था. शराब बिक्री से राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्त हो रहा था. हमने इसकी परवाह नहीं करते हुए जनहित में शराबबंदी को लागू किया.
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सीएम नीतीश कुमार ने कहा, आप जानते हैं कि हमने समाज सुधार अभियान दिसंबर 2021 से शुरू किया है. वर्ष 2016 में हम सभी 9 प्रमंडलों में शराबबंदी अभियान को लेकर जगह-जगह जाकर महिलाओं के अनुभवों की जानकारी ली थी. इस बार 12 जगहों पर जा रहे हैं. जनवरी माह में पूरी दुनिया, देश और बिहार में कोरोना का तीसरा दौर शुरू हो गया, जिसके चलते अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा. खुशी की बात है कि इसका असर तेजी से खत्म होने लगा और अब अभियान की फिर से शुरुआत की गई है और आज इसका 10वां पड़ाव है. कोरोना के मामले तेजी से घटे हैं. अब नालंदा जिला में 6 और पटना जिला में 138 मामले रह गए हैं. समाज सुधार अभियान में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह को लेकर काम किया जा रहा है. इसके लिए कानून भी बनाए गए हैं. जननायक कर्पूरी ठाकुर वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री थे. तब उन्होंने शराबबंदी लागू की थी, लेकिन 2 वर्ष बाद उन्हें हटा दिया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ से ही हमलोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और वर्ष 2011 से ही इसको लेकर हमने अभियान चलाना शुरू कर दिया था. शराब बिक्री से राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्त हो रहा था. हमने इसकी परवाह नहीं करते हुए जनहित में शराबबंदी को लागू किया. शराबबंदी करने को लेकर मेरे मन में दुविधा थी कि इसे पूरे तौर पर लागू कर पाएंगे या नहीं. 9 जुलाई 2015 को पटना में श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जीविका के एक कार्यक्रम में महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर आवाज उठाना शुरू किया. मेरे मन शराबबंदी को लेकर जो दुविधा थी, वो खत्म हो गई. उसके बाद मैं वापस माइक पर आया और कहा कि अगली बार सरकार में आएंगे तो बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे. उसके तीन माह बाद ही बिहार में विधानसभा का चुनाव था.
बिहार की जनता ने पुनः हमलोगों को काम करने का मौका दिया और हमने शपथ लेने के बाद 26 नवंबर को ही मीटिंग बुलाकर शराबबंदी को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया. इसके लिए लगातार अभियान चलता रहा. इसको लेकर कानून बनाया. पहले 1 अप्रैल 2016 को ग्रामीण इलाके में देसी और विदेशी शराब पर रोक लगायी गई. जबकि शहरी इलाकों, नगर निगम और नगर परिषद् में अभी विदेशी शराब बंद नहीं करने का निर्णय लिया गया था. शहरों में कई जगहों पर महिलाएं, युवक-युवतियां और पुरुषों ने भी शराब की आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया.
इसके बाद 4 अप्रैल को हमने मीटिंग बुलाई और 5 अप्रैल 2016 से कानून लाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उस अभियान के दौरान एक जगह पर एक महिला ने अपनी आप बीती सुनाई कि मेरे पति काम से लौटते थे तो दारू पीकर आते थे. मारपीट करते थे, हंगामा करते थे. परिवार में सभी को बुरा लगता था और देखने में भी खराब लगते थे. अब जब शराबबंदी हो गई तो बाजार से तरकारी (सब्जी) लेकर आते हैं और घर में आते हैं तो मुस्कुराते हुए आते हैं. घर के काम में भी सहयोग करते हैं. अब वे देखने में भी अच्छे लगते हैं. शराबबंदी के बाद घर और समाज का माहौल बदल गया.
शराब पीने के पक्षधर कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते रहते हैं. वे खुद को ज्यादा काबिल, पढ़ा लिखा और विद्वान समझते हैं लेकिन ऐसे लोग काबिल नहीं हो सकते हैं. जो शराब के पक्ष में बोलेगा वह गलत ही होगा. समाज में 10 प्रतिशत गड़बड़ करने वाले लोग होते हैं. शराबबंदी को लेकर कुछ लोग तरह-तरह के सवाल खड़े करने लगे. जहरीली शराब पीकर लोग मरते हैं. हम तो शुरू से कहते हैं कि शराब कितनी खराब चीज है. इसका सेवन मत करो, शराब पीने से मौत भी हो सकती है. हमने आकलन कराया तो पता चला कि शराबबंदी लागू होने के बाद 1 करोड़ 64 लाख से ज्यादा लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. हमने पुनः इसका आकलन कराने को कहा है. उन्होंने कहा कि विधानमंडल से सभी दलों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून पास कराया गया और सभी सदस्यों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ ली थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 2017 को बापू सभागार का उद्घाटन किया गया था और उसी कार्यक्रम में दहेज प्रथा और बाल विवाह को लेकर अभियान चलाने की शुरुआत की गई थी. उस समय 5 हजार जीविका दीदियां आयी थीं. वर्ष 2018 शराबबंदी के पक्ष में लोगों ने बहुत बड़ी मानव श्रृंखला बनायी थी. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब देश की आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे तो उस समय भी वे कहा करते थे कि शराब, आदमी से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेती है बल्कि उसकी बुद्धि भी हर लेती है. शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है.
अगर एक घंटे के लिए मुझे तानाशाह बना दिया जाए तो शराब को पूरे तौर पर बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग खुद को काबिल समझते हैं लेकिन वे बापू की बातों को भी नहीं मानते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 में सर्वेक्षण कराया और 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित की. उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनियाभर में एक साल में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई है, उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से होती है. 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है.
शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं. 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं, जबकि शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं. शराब पीने के कारण दुनियाभर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. हमलोगों ने इस बुकलेट में शराब के सेवन से होनेवाली हानियों के बारे में एक-एक बातों को लिखवाया है. इस बुकलेट के बारे में लोगों को विस्तार बताएं. नई पीढ़ी के लोगों को भी इन सब चीजों के बारे में जानकारी दें ताकि वे सचेत रहें. उन्होंने कहा कि बहुत लोग तो बहुत तरह की बातें करते रहते हैं. कुछ लोग हमको कहते थे कि शराबबंदी से पर्यटकों की संख्या घट जाएगी, मगर यहां शराबबंदी के बाद पर्यटकों की संख्या और बढ़ गई है.