पटना:राजधानी के कर्पूरी संग्रहालय में सीएम नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस दौरान सीएम नीतीश ने सुधाकर सिंह को लेकर बड़ा बयान दिया. जब पत्रकारो ने सीएम नीतीश से पूछा कि बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह लगातार किसानों की स्थिति को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं तो सीएम नीतीश ने जवाब देते हुए कहा कि आप लोग भी किन-किन लोगों की बातों को नोटिस में लेते हैं. सुधाकर सिंह के बयान का कोई वैल्यू नहीं है. इस दौरान सीएम नीतीश के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे.
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बोले सीएम नीतीश- 'सुधाकर की बातों का नहीं महत्व': सीएम नीतीश कमार ने कहा कि हम लगातार किसानों का मदद कर रहे हैं. कृषि रोडमैप के माध्यम से किसान को कई योजनाओं में लाभ भी दे रहे हैं और किसान आगे बढ़ रहे हैं. कोई आदमी कुछ बोले उनका नोटिस नहीं लेते हैं. जिनके मुंह में जो आता है वह बोलते जाए, लेकिन हम काम कर रहे हैं.
"हम लगातार किसानों के लिए काम कर रहे हैं. आगे भी काम करते रहेंगे. कौन क्या बोलता है हमें सब पता है. सरकार किसानों के हित में काम कर रही है. सुधाकर के बयानों का कोई वैल्यू नहीं है. सुधाकर के बयान पर हमसे सवाल मत पूछा कीजिए."-नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
'आने वाले वक्त में जनता लेगी फैसला': सीएम ने कहा कि हमने समाधान यात्रा किया है. पूरे बिहार में जो विकास हो रहा है उसको देखा है. हम काम करते रहेंगे बोलने वाले लोग कुछ भी बोले कहीं कुछ होने वाला नहीं है. जनता निर्णय लेती है कोई नेता या पार्टी निर्णय नहीं लेता है. अब आगे देखिए जनता क्या सोचती है क्या करती है. उसके बारे में भी हम कुछ नहीं कर सकते हैं. वहीं पर जब यह पूछा गया कि हिंदू राष्ट्र बनाने की बात की जा रही है तो उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का देश है. यहां पर सभी धर्म के लोगों के प्रति समभाव रखने की बात है तो महात्मा गांधी ने कहा था उसका अनुकरण लोग कर रहे हैं.
'अदानी मामले में विपक्ष की सुनी जाए': साथ ही अदानी मामले की जांच को लेकर जिस तरह विपक्ष लोकसभा में लगातार मांग कर रही थी इस पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी उसमें जो भी मांग करता था उसे सुना जाता था लेकिन अब विपक्ष की मांग को नहीं सुना जा रहा है जो की पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष इस मामले की जांच करवाना चाहती है तो कहीं ना कहीं केंद्र सरकार को ऐसे मामले पर संज्ञान लेना चाहिए और जेपीसी का गठन कर जांच करवानी चाहिए.