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नशा मुक्ति दिवस पर cm की घोषणा, जातीय गणना की तरह शराबबंदी को लेकर हर घर का सर्वे

सीएम नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस पर बिहार में शराबबंदी की समीक्षा की. उन्होंने आज बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर सभी जिलों के डीएम वेब कास्टिंग के जरिए जुड़े रहे. नीतीश ने कहा कि एक सर्वे से पता चला है कि इस साल 2023 में 1 करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है.

Nasha Mukti Diwas 2023
Nasha Mukti Diwas 2023

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 26, 2023, 10:57 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशामुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम जातीय गणना की तरह हर घर में शराबबंदी की समीक्षा करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सभी जिलों के डीएम वेब कास्टिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे. नशा मुक्ति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रचार प्रसार के लिए बसों को भी रवाना किया.

नशा मुक्ति दिवस पर शराबबंदी की समीक्षा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस आयोजित कार्यक्रम में कहा कि वर्ष 2011 से आज के दिवस को हमलोग मद्य निषेध दिवस के रूप में मनाते रहे हैं, वर्ष 2017 में इसे बदलकर नशामुक्ति दिवस के रूप में मना रहे हैं. हमलोगों ने महिलाओं की मांग पर वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू किया. शराबबंदी को शुरु में हमने सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया था, लेकिन 5 दिन के अंदर लोगों की डिमांड पर पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दिया गया.

बसों को झंडी दिखाते नीतीश

शराब बंदी कानून का सख्ती से पालन जरूरी: नीतीश ने कहा कि जो लोग पहले शराब पीते थे, वे शराबबंदी लागू होने के बाद शराब पीना बंद कर दिये. कुछ लोग तो किसी भी निर्णय के खिलाफ रहते ही हैं. इस धरती पर सभी लोग सही नहीं हो सकते हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नशामुक्ति लागू करना चाहते थे. हमलोगों ने उनकी बातों को सभी जगहों पर बता दिया है. शराबबंदी के बाद कुछ महिलायें अपना अनुभव साझा कर रही थी. उन्होंने बताया कि पहले पति शराब पीते थे. घर का माहौल खराब रहता था. शराबबंदी के बाद वे बाजार से सब्जी लेकर आते हैं और घर का माहौल भी अच्छा रहता है. जो पैसा पहले शराब पीने में खर्च होता था, शराबबंदी लागू होने से उस पैसे का सदुपयोग अच्छे खान-पान और रहन-सहन में हो रहा है.

क्या कहता है शराबबंदी पर आया सर्वे: मुख्यमंत्री ने कहा कि जब शराबबंदी लागू किए तो शुरु से ही लोग इसके पक्ष में रहे हैं. इसको लेकर पहले भी सर्वे कराया गया है. वर्ष 2018 में सर्वे कराया गया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. वर्ष 2023 के सर्वे से पता चला कि एक करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. सर्वे से यह भी पता चला कि 99 प्रतिशत महिलायें जबकि 92 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं.

''शराबबंदी को लेकर प्रतिदिन हमारे पास रिपोर्ट आती है. शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में बहुत लोग पकड़े गये हैं. आपलोग ठीक ढंग से एक बार फिर से शराबबंदी का सर्वे कीजिए. हम तो कहेंगे एक-एक घर में जाकर शराबबंदी का क्या प्रभाव है, पता कर लीजिए. हमलोगों ने जाति आधारित गणना कराई, जिसमें एक-एक घर जाकर सभी चीजों की जानकारी ली गयी. उसी प्रकार एक-एक घर जाकर शराबबंदी को लेकर ठीक ढंग से आंकलन कीजिए. सर्वे से ये पता चल जाएगा कि कौन-कौन लोग इसके पक्ष में हैं और कौन-कौन इसके खिलाफ है.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

शराब हर बुराई की जड़: मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में शराबबंदी लागू है, लेकिन वहां इस पर अच्छे से काम नहीं होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी शराब पीने से होनेवाले दुष्परिणामों को लेकर सर्वे किया था. उसका रिपोर्ट जारी किया था. शराब पीने से कई प्रकार की बीमारियां होती हैं. 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना शराब पीने के कारण होती है. ज्यादातर पुलिसवाले और अधिकारी सही हैं पर कुछ लोग गड़बड़ करते हैं, उन पर नजर रखिये. हम तो कहेंगे लगातार समीक्षा करते रहिये. कार्यक्रम में मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार मुख्य सचिव आमिर सुबहानी सहित आलाधिकारी मौजूद थे.

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