बिहार

bihar

ETV Bharat / state

CM नीतीश ने SC के फैसले का किया स्वागत, कहा- आगे इसपर न हो कोई विवाद - नीतीश कुमार का बयान

SC ने केंद्र से ट्रस्ट की स्थापना में निर्मोही अखाड़े को किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करने के लिए कहा है. 2.77 एकड़ विवादित भूमि का कब्ज़ा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगा.

dfsdfsdf

By

Published : Nov 9, 2019, 12:07 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 12:14 PM IST

पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि कोर्ट का फैसला है और इस फैसले का सब को सम्मान करना चाहिए. हम लोगों का पहले से विचार था कि दोनों पक्ष मिल बैठकर इसका समाधान करें.

नीतीश कुमार ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला किया है निश्चित तौर पर सभी लोगों को उसका सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह फैसला सभी को मानना चाहिए और आगे इस फैसले पर कोई विवाद नहीं हो यही मेरी अपनी राय है.

नीतीश कुमार का बयान

बता दें कि नीतीश कुमार पश्चिमी चंपारण के दौरे पर थे. जिसके बाद वो पटना लौट आए हैं. वाल्मीकिनगर में मंदिर दर्शन के बाद राम मंदिर मसले पर सीएम नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि न्यायालय का फैसला सम्मान योग्य होगा. उन्होंने आम जनता से सामाजिक सौहार्द व शांति बनाए रखने की अपील की.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राममंदिर मामले में फैसला सुना दिया है.

  • SC ने केंद्र से ट्रस्ट की स्थापना में निर्मोही अखाड़े को किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करने के लिए कहा.
  • केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें अधिकारियों द्वारा भविष्य की कार्रवाई की निगरानी कर सकते हैं.
  • 2.77 एकड़ विवादित भूमि का कब्ज़ा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगा.
  • निर्मोही अखाड़े की याचिका में पूरे विवादित जमीन पर नियंत्रण देने की मांग. SC ने खारिज की अपील.
  • SC ने केंद्र सरकार से 3 महीने के भीतर योजना बनाने और मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा.
  • SC ने मुसलमानों को नई मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक भूमि के आवंटन का निर्देश दिया.
  • बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाया जाना कानून का उल्लंघन था.
  • यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या विवाद में अपना मामला स्थापित करने में विफल रहा है. इसके विपरीत, हिंदुओं ने अपना मामला स्थापित किया कि वे बाहरी आंगन (outer courtyard) के कब्जे में थे.
  • विवादित जमीन के बाहरी प्रांगण (outer courtyard) पर मुस्लिम पक्ष का कब्जा नहीं था. मुस्लिम पक्षों ने ऐसा सबूत नहीं दिया है कि विवादित जमीन पर सिर्फ उनका (exclusive) कब्जा था.
  • आस्था (faith), विश्वास (belief) के आधार पर टाइटल तय नहीं किया जा सकता है; वे विवाद सुलझाने के लिए एक तरह के संकेतक हैं.
  • सीता रसोई, राम चबूतरा और भंडार गृह का अस्तित्व, इस जगह के धार्मिक तथ्य की गवाही हैं.
  • हिंदुओं की आस्था है कि विवादित ढांचे के नीचे भगवान राम का जन्म हुआ था, ये निर्विवाद है.
  • विवादित स्थान के संबंध में हिंदुओं का मानना है कि ये भगवान राम की जन्मभूमि है. इस संबंध में मुस्लिम भी ऐसा कहते हैं.
  • ASI की रिपोर्ट से यह स्थापित नहीं हुआ था कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त किया गया था. जमीन के नीचे की संरचना (underlying structure) एक इस्लामी संरचना नहीं थी.
  • ASI ने ये तथ्य साबित किया है कि ध्वस्त किए गए विवादित ढांचे के नीचे एक मंदिर था. बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी.
  • सुनवाई के दौरान पुरातात्विक रिपोर्ट (ASI Report) पर तर्क दिए गए थे. भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) संदेह से परे है और इसके निष्कर्षों की उपेक्षा नहीं की जा सकती.
  • निर्मोही अखाड़ा का दावा केवल प्रबंधन का है. निर्मोही अखाड़ा 'शबैत' नहीं है.
  • सीजेआई गोगोई ने कहा, इस न्यायालय को आस्था और विश्वास (faith and belief) को स्वीकार करना चाहिए. CJI ने कहा कि उपासकों के विश्वास (belief of worshippers) को स्वीकार करना चाहिए. कोर्ट को संतुलन बनाए रखना चाहिए.
  • SC का कहना है कि विवादित जमीन राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी जमीन थी.
  • शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज हो गई है. शिया वक्फ बोर्ड का दावा विवादित ढांचे को लेकर था जिसे SC ने खारिज कर दिया है.
Last Updated : Nov 9, 2019, 12:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details