पटनाः बिहार विधानमंडल में बुधवार को शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा. जहां सदन में बीजेपी विधायकों ने कई सवाल उठाए, जिस पर सरकार की किरकिरी होती देखी गई. सदन में जहां बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला उठाया, वहीं बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा (BJP MLA Nitish Mishra) ने सरकारी आयोजनों में स्थानीय विधायकों को नहीं बुलाने पर सरकार से जवाब मांगा.
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बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने सदन से कहा कि अक्सर मैंने देखा है कि किसी भी सरकारी योजनाओं के कार्यक्रम की सूचना उन्हें नहीं दी जाती. प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय विधायकों को आमंत्रित नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि दूसरे जनप्रतिनिधियों के बारे में तो मैं नहीं जानता लेकिन, मैं खुद सूचना तकनीक से जुड़ा रहता हूं. मुझे सारी जानकारी रहती है, बात मेरे अधिकार की है. मुझे बताया जाए की ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधि या विधायक की अपने क्षेत्र में क्या भूमिका है, यह स्पष्ट होना चाहिए. सदन में विपक्ष के भी कई विधायकों ने यह मुद्दा उठाया.
जब विधायकों ने सदन में यह मुद्दा उठाया तो सदन के नेता और सीएम नीतीश कुमार इसका जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बात आप लोगों को पता नहीं है. हमने बहुत पहले ही सभी विभाग को दिशा निर्देश दे दिया है, किसी भी सरकारी कार्यक्रमों में सभी एमएलसी, एमएलए और एमपी को आमंत्रित किया जाए और उन्हें इसकी सूचना पहले ही दे दी जाए. जो उपस्थित होना चाहें उनका नाम भी शिलापट पर लिख दिया जाए. ये सब मेरा ही किया हुआ है, बहुत पहले. सीएम ने कहा कि जो लोग ये सवाल कर रहे हैं वो भी मंत्री रह चुके हैं , वो लोग जरा ये बताएं कि उनके समय में क्या व्यवस्था थी और आज क्या है?