बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Union Budget 2022: गंगा किनारे 5km के दायरे में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी केंद्र सरकार, CM नीतीश ने की सराहना

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट (Union Budget 2022) के दौरान गंगा किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा की तो सीएम नीतीश ने इसका स्वागत किया. सीएम ने केंद्र सरकार के इस कदम की सराहना की.

By

Published : Feb 1, 2022, 11:05 PM IST

निर्मला सीतारमण, नीतीश कुमार
निर्मला सीतारमण, नीतीश कुमार

पटना:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2022 - 23 पेश किया. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गंगा नदी के आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जायेगा. सीएम नीतीश ने केंद्रीय वित्त मंत्री के इस बजटीय प्रावधान का स्वागत किया. सीएम ने इसे सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से गंगा के दोनों किनारों के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है. केंद्रीय बजट में गंगा किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती का कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय सराहनीय है.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले सुशील मोदी- 'सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाला है आम बजट 2022'

'राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से गंगा के दोनों किनारों के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। केंद्रीय बजट में गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती का कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय सराहनीय है'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

क्या है नेचुरल फॉर्मिंग? गंगा नदी के दोनों तरफ 5 किलोमीटर तक विशेष कृषि जोन बनाकर इसे विकसित किया जाएगा. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार प्रथम चरण में गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर चौड़े गलियारों में किसानों की भूमि पर ध्यान देने के साथ देश भर में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. बजट में इस प्रावधान का सीएम नीतीश ने स्वागत कर राज्य सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा. बिहार इस ओर पहले से ही प्रयास कर रहा है.

5 प्रदेशों को सीधा फायदा: केंद्रीय वित्त मंत्री गंगा नदी के दोनों छोर पर विशेष रूप से विकसित करने की योजना को चालू करने का जो प्रारूप रखा है वह निश्चित तौर पर उत्तराखंड. उत्तर प्रदेश. बिहार. झारखंड और पश्चिम बंगाल के लिए नया जीवन देने जैसी किसी बड़ी योजना से कम नहीं होगा. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की लगभग 5 करोड़ से ज्यादा आबादी गंगा नदी पर निर्भर है और इनके जीने का आधार की गंगा नदी ही है. ऐसे में अगर 5 किलोमीटर के दायरे को विकसित किया जाता है और सरकार का उस पर विशेष काम होता है, तो निश्चित तौर पर करोड़ों रोजगार सृजित होंगे.

102 जिले होंगे लाभान्वित: बात गंगा नदी की करें वर्तमान में गंगा से एक बहुत बड़ा तबका प्रभावित होता है उसे एक दिशा मिलेगी. पूरे देश के 102 ऐसे जिले हैं जिनका सरोकार गंगा से जुड़ा हुआ है. बात शहरों की करें उत्तराखंड के 16 शहर, यूपी के 21, बिहार के 18, झारखंड के दो और पश्चिम बंगाल के 40 ऐसे शहर हैं जिनका पूरा स्वरूप ही गंगा पर निर्भर है. अगर गंगा इन शहरों के पास नहीं होती तो शायद इन शहरों का स्वरूप भी नहीं होता. लेकिन दुखद पहलू यह है कि भारत के यही 97 जिले गंगा में इतना प्रदूषण करते हैं कि गंगा को शुद्ध करने के लिए केंद्र सरकार को नमामि गंगे जैसी योजना को लाना पड़ गया. गंगा को जीवनदायिनी बनाने के लिए 5 किलोमीटर के जिस विस्तार वाली योजना पर सरकार काम करने की नीति बना रही है वह करोड़ों परिवार के जीवन का आधार होगा.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details