पटना:एल्केम ग्रुप के संस्थापक और देश के मशहूर बिजनेसमैन संप्रदा सिंह के निधन के बाद राजधानी पटना के छज्जू बाग स्थित उनके आवास पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परिजनों से मिलने पहुंचे. उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और उद्योग मंत्री श्याम रजक भी पहुंचे. संप्रदा सिंह के निधन के बाद उनके आवास पर शहर की बड़ी हस्तियों के आने का सिलसिला जारी है. लोग लगातार उनके परिजनों से मिलने आ रहे हैं.
सीएम नीतीश ने संप्रदा सिंह के परिवार से की मुलाकात
संप्रदा सिंह देश के मशहूर उद्योगपतियों में से एक थे और दवा के क्षेत्र में उनका कारोबार था. उनके निधन के बाद उनके आवास पर उनके परिजनों से मिलने सीएम नीतीश कुमार इलेक्ट्रिक कार से पहुंचे. संप्रदा सिंह के आवास पर लगभग 1 घंटे से ज्यादा समय तक सीएम समेत सभी नेता मौजूद रहे.
सीएम नीतीश कुमार की इलेक्ट्रिक कार शनिवार को हुआ निधन
बता दें कि बिहार के बड़े उद्योगपति और दवा कंपनी एल्केम ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक संप्रदा सिंह का शनिवार को निधन हो गया. 91 साल की उम्र में संप्रदा सिंह ने मुंबई के लीलावती अस्पताल में अंतिम सांस ली. संप्रदा सिंह उद्योग जगत में बड़ी हस्ती माने जाते थे.
संप्रदा सिंह के परिजनों से मिलने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार वर्ष 2017 में फोर्ब्स ने दिया था 43वां स्थान
वर्ष 2017 में प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स में उनका नाम आया था और उन्हें 43वां स्थान प्राप्त हुआ था. फोर्ब्स ने उनकी दौलत करीब 3.3 अरब डॉलर आंकी थी. संप्रदा सिंह के इस लिस्ट में इतनी अच्छी जगह बनाने की वजह से बिहार का नाम पूरे देश में रोशन हो गया था. ये सुर्खियों में इसलिए थे क्योंकि इस लिस्ट में मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी 45वें स्थान पर थे.
कौन थे संप्रदा सिंह
संप्रदा सिंह का जन्म 1925 में बिहार के जहानाबाद के मोदनगंज प्रखंड के ओकरी गांव में हुआ था. उनके पिता एक साधारण किसान थे. उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से बी कॉम की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया. पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद संप्रदा सिंह खेती करना चाहते थे. संप्रदा सिंह के पिता के पास करीब 25 बीघा जमीन थी.
'मगध फार्मा' से शुरू किया काम
संप्रदा सिंह ने 1953 में रिटेल केमिस्ट के तौर पर एक छोटी शुरुआत की. लक्ष्मी शर्मा के साथ पटना में दवा की दुकान शुरू की. 1960 पटना में मगध फार्मा के बैनर तले उन्होंने फार्मा डिस्ट्रीब्यूशन का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने कई मल्टीनेशनल कंपनियों की डिस्ट्रीब्यूटरशिप ले ली. कुछ ही दिनों में उन्होंने भारत के पूर्वी क्षेत्र का दूसरा बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क खड़ा कर दिया. संप्रदा सिंह की दवा एजेंसी अच्छी चल रही थी, लेकिन वह इतने से संतुष्ट होने वाले नहीं थे. वह कारोबार को विस्तार देने के इरादे से मुंबई चले गए.