पटना:बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल में फेरबदल (Nitish Cabinet Reshuffle) के कयास लगाए जा रहे हैं. वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होेने के बाद माना जा रहा है कि उनमें से किसी एक को सहनी की जगह पर मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं, बीजेपी कोटे के कुछ मंत्रियों को बदला जा सकता है. नए लोगों को पार्टी मौका दे सकती है. माना जा रहा है कि बीजेपी अब 2024 की तैयारियों में जुट गई है. 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में से 4 में मिली जीत के बाद पार्टी ने आगे की रणनीति पर काम शुरू कर दी है. अभी हाल में हीमुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kuma) की पहले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय से भेंट, फिर योगी के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात को लेकर चर्चा है कि सीएम पर दबाव है. नीतीश सरकार के बनने के बाद पिछले साल फरवरी में 84 दिनों के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था. अब फिर एक साल बाद विस्तार या पुनर्गठन की चर्चा हो रही है.
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नीतीश मंत्रिमंडल में फेरबदल जल्द: नीतीश मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के अचानक मुख्यमंत्री आवास जाकर नीतीश कुमार से मिलने के बाद से ही शुरू हो गई है. इस बीच वीआईपी के तीन विधायक भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. हालांकि मुकेश सहनी ने अब तक मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में बीजेपी की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है लेकिन नीतीश कुमार मुकेश सहनी को अपनी कैबिनेट से हटाएंगे, फिलहाल इसकी संभावना कम है.
सभी मंत्रियों का इस्तीफा: राजनीतिक जानकार कहते हैं कि अगर मुकेश सहनी मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं देते हैं तो ऐसी स्थिति में, नीतीश कुमार सभी मंत्रियों से इस्तीफा ले सकते हैं और फिर से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं. उसमें मुकेश सहनी को हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके साथ ही बीजेपी में 2 में से एक डिप्टी सीएम को भी हटाने की चर्चा है. साथ ही कुछ मंत्रियों के कामकाज से भी केंद्रीय नेतृत्व खुश नहीं हैं. नए और तेजतर्रार लोगों को मंत्रिमंडल में बीजेपी नेतृत्व जगह देगा. हालांकि जेडीयू खेमे में बहुत उलटफेर होने की संभावना नहीं है लेकिन एक-दो मंत्री को बदला जा सकता है.
स्पीकर की विदाई की भी चर्चा: वहीं बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को लेकर भी काफी चर्चा है. पिछले दिनों सदन में सीएम नीतीश कुमार के साथ विजय सिन्हा का विवाद हुआ था और नीतीश कुमार ने अपनी नाराजगी बीजेपी नेतृत्व को बता दी है. ऐसे में विजय सिन्हा से विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी ले ली जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. हालांकि यह आसान भी नहीं है. उधर, मुकेश सहनी का पशुपालन विभाग किसी दूसरे मंत्री को दिया जाना तय है. विधान परिषद का कार्यकाल भी जुलाई में मुकेश सहनी का समाप्त हो रहा है. ऐसे में उनका कुछ बचा नहीं है. नीतीश कुमार की मेहरबानी जब तक रहेगी, तब तक मंत्री बने रहेंगे.