पटना:जातीय जनगणना (Caste Census) पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitih Kumar) आज पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे. वे रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचे . एयरपोर्ट पर ही उन्होंने बयान दिया कि हम लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो. पत्र के माध्यम से उनसे अपनी बात रखने की कोशिश होगी.
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बता दें कि जातीय जनगणना कराने को लेकर काफी वक्त से अभियान चल रहे हैं. विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर दिया गया था. जिसमें एनडीए में शामिल सबी दलों के साथ विपक्ष में बैठे तमाम दलों की सहमति थी. लेकिन केंद्र से मनाही के बाद बीजेपी के बोल में दो राय झलकने लगी. लेकिन जदयू और विपक्षी दलों की मांग है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए.
'निश्चित तौर पर उस समय में सर्वसम्मति बनी थी कि जातीय जनगणना होनी चाहिए. इसको लेकर जितने भी लोग हमारे साथ मिले हैं जो भी दल यह चाहते हैं. निश्चित तौर पर एक पत्र हम प्रधानमंत्री को इस को लेकर लिखेंगे और जातीय जनगणना हो इसको लेकर हम लोग प्रयास करेंगे. हम लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना होनी चाहिए.':नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
मानसून सत्र के दौरान तेजस्वी यादव और विपक्ष के नेता जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार के चेंबर में मिलने भी पहुंचे थे. वहां सीएम ने सभी को आश्वस्त किया था कि पीएम मोदी को एक पत्र लिख कर जातीय जनगणना पर पुनर्विचार करने की बात रखी जाएगी. साथ ही एक टीम उनसे मुलाकात भी करने जाएगी.
गौरतलब है कि जातीय जनगणना को लेकर बिहार में पहले भी खूब सियासत होती रही है. अब केंद्र सरकार की ओर से जातीय जनगणना कराने से इनकार करने के बाद यह मामला फिर से तूल पकड़ लिया है. नीतीश कुमार ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार कर एक नई राजनीतिक सियासत के संकेत भी दिए हैं. अब देखना है कि बीजेपी इसे किस ढंग से लेती है.
गौरतलब है कि मानसून सत्र ( Monson Session ) के पहले दिन ही तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा था कि विधानसभा से पहले भी दो बार जातिगत जनगणना कराए जाने का सर्व सहमति से प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार को भेजा गया है, इसलिए एक बार फिर से यह प्रस्ताव विधान सभा से केंद्र सरकार को भेजा जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. पूरा सदन इस मुद्दे पर उनके साथ है.