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सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सीएम नीतीश ने किया अंशदान, लोगों से की सहभागिता करने की अपील

सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सीएम नीतीश कुमार ने अंशदान देकर लोगों को इससे जुड़ने का संदेश दिया. नीतीश कुमार हर साल इस दिन अपना अंशदान जरूर करते हैं. उन्होंने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि इस अंशदान से आप बहादुर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर सकते हैं.

सशस्त्र सेना झंडा दिवस
सशस्त्र सेना झंडा दिवस

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 7, 2023, 10:53 PM IST

पटना: आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस है. सशस्त्र सेना झंडा दिवस के मौके पर सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर मृगेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उन्हें सशस्त्र सेना झंडा दिवस का फ्लैग लगाया.

सीएम नीतीश ने किया अंशदान : मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बिहार स्टेट एक्स सर्विसमैन बेनेवोलेंट फंड में अंशदान किया और देश के बहादुर सैनिकों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान प्रकट किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी कुर्बानियां अमर हैं. वे अपने जान के मूल्य पर राष्ट्र पर आए ब्रह्य एवं आंतरिक संकटों का मुकाबला बहादुरी के साथ करते हैं. इन बहादुर सैनिकों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य वासियों से बिहार स्टेट एक्स सर्विसमैन देने बेनेवोलेंट फंड में अंशदान किए जाने की अपील भी किया.

सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सीएम नीतीश के साथ ब्रिगेडियर मृगेन्द्र कुमार

सशस्त्र सेना झंडा दिवस : मुख्यमंत्री ने कहा कि ''आपका यह अंशदान बहादुर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता होगी.'' इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ और सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे. सशस्त्र सेवा झंडा दिवस के मौके पर मिले फंड से पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के लिए कई योजना संचालित की जाती है. मुख्यमंत्री हर साल इसमें अपना योगदान देते हैं.

सशस्त्र सेना झंडा दिवस

इस दिवस के तीन मुख्य उद्देश्य : सशस्त्र सेना झंडा दिवस साल 7 दिसंबर 1949 से हर वर्ष मनाया जाता है. इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए भारत की जनता से धन एकत्रित कर उनके प्रति समर्पित किया जाता है. इसके तीन मुख्य उद्देश्य हैं. पहला ये कि युद्ध के समय जो जनहानि होती है उसमें सहयोग किया जा सके. दूसरा, सेना में काम करने वाले कर्मियों और उनके परिवार कल्याण के सहयोग और तीसरा, रिटायरमेंट के बाद उनके परिवार के कल्याण के लिए धन इकट्ठा किया जा सके.

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