पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) ने बुधवार को कटिहार (Katihar Flood) और पूर्णिया (Purnea Flood) का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान बाढ़ पीड़ितों को सरकारी मदद मिल रही है या नहीं इसका सीएम ने खुद जायजा भी लिया. इससे पहले मंगलवार को भागलपुर (Bhagalpur Flood) और खगड़िया (Khagaria Flood) के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था.
यह भी पढ़ें-CM के सामने बाढ़ पीड़ितों को स्टील के चमचमाते बर्तनों में दिया गया खाना, लेकिन जाते ही आ गए औकात पर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कटिहार और पूर्णिया जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. सीएम ने बाढ़ पीड़ितों से इस दौरान बात भी की. सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री वापस पटना लौट गए. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया था. एक सप्ताह पहले लगातार तीन दिनों तक हवाई सर्वेक्षण किया था. पटना में सड़क मार्ग से भी गंगा नदी के जलस्तर को जाकर देखा था और कई दिशा निर्देश दिए थे.
यह भी पढ़ें-कटिहार के बरारी में बाढ़ का रौद्र रूप, JDU विधायक ने कहा- गंभीर हैं हालात
कटिहार जिले में गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में आये उफान से बरारी प्रखण्ड (Barari Block) के कई पंचायतों के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी (Flood Water) घुस चुका है. प्रखण्ड के निचले इलाके के घरों में डेढ़ से दो फीट तक पानी भरा हुआ है. जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें-पूर्णिया: शहरी इलाकों में घुसा सौरा नदी का पानी, राहत सामग्री नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश
वहीं कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण पूर्णिया में शुक्रवार को जिला मुख्यालय से लगी सौरा बांध कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गई. सौरा नदी का पानी आस-पास के कई इलाकों में प्रवेश कर गया. इससे रामबाग, मिलनपाड़ा, कप्तानपाड़ा, आंनदनगर जैसे शहरी इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
बता दें कि उत्तर बिहार में इस बार जून महीने से ही बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और लाखों लोगों की परेशानी बाढ़ के कारण बढ़ी हुई है. ऐसे मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को भी गांधी मैदान से कहा है कि सरकार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक है और सरकार हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश करेगी.
राज्य के 26 जिलों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य के 26 जिलों के 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है. वहां की 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है.
मुख्यमंत्री लगातार बाढ़ ग्रस्त इलाकों की समीक्षा कर रहे हैं. अभी हाल ही में मुख्यमंत्री ने बैठक कर बाढ़ से हुए क्षति का आंकलन करने का भी निर्देश दिया है. धान रोपने की भी क्षति का आकलन करने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है.
राजधानी पटना के अलावा कटिहार, पूर्णिया, वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, मुंगेर और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों को लगाया गया है.
इसके अलावा चार एनडीआरएफ की और पांच एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं. प्रभावित इलाकों में 1948 नावों का परिचालन किया जा रहा है. एक लाख 39 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट और 27 हजार 387 सूखा राशन पॉकेट बांटे गये हैं. इसके अलावा प्रभावित क्षेत्रों में 31 राहत शिविर और 254 सामुदायिक किचेन का संचालन किया जा रहा है.