पटना:बिहार के कई जिलों में बरसात के मौसम में प्रतिवर्ष बाढ़आना तय माना जाता है. ऐसी स्थिति में सरकार अभी से ही बाढ़ से लोगों को राहत और बचाव के प्रबंध में जुट गई है. इधर, पटना में जलजामाव वाले क्षेत्रों में भी नालों की सफाई सहित अन्य कार्य करवाए जा रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गुरुवार को जल निकासी के लिए किए जा रहे कार्यों को देखा (Nitish Inspects The Sewage Treatment Plant ) था.
ये भी पढ़ें : पटना नगर निगम का बजट बढ़ा, मगर नालों में तब्दील हो गईं सड़कें
पटना में जलजमाव की समस्या से निपटने तैयारी :आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए आश्रय स्थल का चयन करने का निर्देश दिया है. विभाग ने बाढ़ संभावित जिलों को आश्रय स्थलों के चयन करने का निर्देश दिया है, जिससे बाढ़ के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में दिक्कत नहीं हो. आश्रय स्थल के लिए स्कूल, कॉलेज, सामुदायिक भवन, खेल मैदान या अन्य सार्वजनिक स्थानों की पहचान की जाएगी, जहां अधिक से अधिक लोगों को रखा जा सके और ऊंचे स्थान पर हों. वहीं, आश्रय स्थल पर लोगों को रखने के दौरान सूखा राशन भी दिया जाता है. इसके अलावे नावों की भी मरम्मत करवा लेने के निर्देश दिए हैं.
नालों की सफाई का काम अभी तक नहीं हुआ पूरा : बाढ़ के दौरान सुरक्षित निकाले जाने वाले लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था के लिए राशन की व्यवस्था अभी से कर लेने के निर्देश जिला के अधिकारियों को दिए गए हैं. पिछले साल कई जिलों में आश्रय स्थल को लेकर परेशानी उठानी पड़ी थी. बताया जा रहा है कि इन कार्यों के लिए राशि भी आवंटित कर दी गई है, जिससे समय रहते इन सभी कार्यों को निपटाया जा सके. इधर, राजधानी पटना में जलजमाव वाले चिन्हित क्षेत्रों में भी नालों की सफाई का कार्य तेज कर दिया गया है.