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1 जून से लॉकडाउन में कैसी छूट मिलेगी?, CM नीतीश ने डीएम-एसपी के साथ की बैठक

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Published : May 30, 2020, 8:05 AM IST

लॉकडाउन के चौथे चरण की मियाद 31 मई को पूरी हो रही है. ऐसे में सरकार इस बात पर लगातार मंथन कर रही है कि आगे की स्थिति कैसी हो. लॉकडाउन जारी रखने या नहीं रखने का फैसला लेने से पहले केंद्र ने तमाम राज्यों से उनके सुझाव मांगे हैं.

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पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी डीएम और एसपी के साथ समीक्षा बैठक की. चौथा लॉकडाउन 31 मई को समाप्त हो रहा है. लाखों की संख्या में प्रवासी बिहार पहुंचे हैं. उनके लिए रोजगार और संक्रमण से कैसे बचाव हो, इसी पर सभी डीएम-एसपी से सीएम रिपोर्ट ली और आगे की रणनीति तैयार की.

शुक्रवार को भी डीएम-एसपी के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. कोरोना महामारी में लाखों की संख्या में प्रवासी बिहार पहुंचे हैं. बड़ी संख्या में लोग क्वारंटीन अवधि पूरा कर अपने घर भी जा चुके हैं. अब आगे क्या रणनीति होगी इस पर भी चर्चा की गई. सभी डीएम-एसपी को सीएम ने सख्त निर्देश भी दिए.

राहत और बचाव कार्य के लिए 809 करोड़ मंजूर
बिहार सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए बिहार आकस्मिकता निधि से 809 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है. ये रुपये कोविड-19 से मौजूदा समय में किये जा रहे सुरक्षात्मक उपायों के अलावा राहत और बचाव कार्य पर खर्च किये जायेंगे.

पटनाः विमानों के परिचालन का नया शेडयूल जारी
लॉकडाउन के दौरान 25 मई से घरेलू विमान सेवा शुरू कर दी गई है. पटना एयरपोर्ट पर भी लगातार कई शहरों से विमान का परिचालन हो रहा है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने विमानों के परिचालन का नया शेडयूल जारी कर दिया है. नए शेड्यूल में हैदराबाद और अमृतसर के लिए भी सेवा शुरू की गई है.

'बच्चे, बुजुर्ग और बीमार यात्री श्रमिक स्पेशल से यात्रा ना करें'
भारतीय रेल ने बच्चे, बुजुर्ग, गंभीर बीमारी वाले मरीज और गर्भवती महिलाओं से फिलहाल श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यात्रा करने से परहेज करने की अपील की है. ट्रेन में मरीजों की यात्रा के दौरान मौत की घटनाएं सामने आने के बाद ये अपील की गई है.

3840 ट्रेनों में सिर्फ 71 ट्रेनें हुई डायवर्ट
इस बीच, भारतीय रेल ने साफ किया है कि कोई भी ट्रेन अपने मार्ग से नही भटकी है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा, 'शनिवार तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया है, जिनमे सिर्फ 71 ट्रेनों का रूट ही बदला गया. इनमें से सिर्फ 4 ट्रेनों को ही 72 घंटे से ज्यादा का समय लगा. जो 4 ट्रेनें ज्यादा लेट हुईं, वो उत्तरपूर्व में भूस्खलन की वजह से हुई.'

मनरेगा के तहत 1283 जॉब कार्ड का हुआ वितरण
इस बीच बिहार सरकार ने कहा है कि, प्रखंड क्वारंटीन सेंटरों में श्रमिकों के रोजगार मैपिंग के कार्य में तेजी आई है. श्रमिकों के बीच हुआ जॉब कार्ड का वितरण हुआ है. इस क्रम में जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा के तहत प्रत्येक प्रखंडों में मिशन मोड के रूप में अकुशल श्रमिकों के बीच जॉब कार्ड का वितरण किया गया है. वहीं, 309 पंचायतों के 9747 संचालित कार्यों के तहत 53004 मजदूर कार्यरत है.

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