पटनाः सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद (Bihar State Wildlife Board) की 10वीं बैठक मुख्य सचिवालय के सभागार में आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य वन्यप्राणी पर्षद के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह सदस्य सचिव प्रभात कुमार गुप्ता ने वन्यप्राणी संरक्षण से जुड़ा प्रजेंटेशन दिया. प्रजेंटेशन में बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद की अगस्त 2020 में सम्पन्न हुई 9वीं बैठक में लिए गए फैसलों पर अब तक क्या कुछ किया गया, इसकी पूरी जानकारी सीएम को दी गई. मुख्यमंत्री ने बैठक में भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को कटाव से बचाने के लिए व्यवस्था करने और वन्यप्राणियों के साथ-साथ राष्ट्रीय पक्षी मोर के संरक्षण का निर्देश भी दिया.
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कई मुद्दों पर हुई चर्चाः बैठक में कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी अंतर्गत वन्यप्राणी क्लियरेंस संबंधी प्रस्ताव, विक्रमशिला गांगेय डॉलफिन आश्रयणी अंतर्गत वन्यप्राणी क्लियरेंस संबंधी प्रस्ताव, रजौली (नवादा) वन्यप्राणी आश्रयणी अंतर्गत वन्यप्राणी क्लियरेंस संबंधी प्रस्ताव, राजगीर वन्यप्राणी आश्रयणी अंतर्गत वन्यप्राणी क्लियरेंस संबंधी प्रस्ताव, 9वीं बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुपालन एवं प्रतिवेदन, कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी में लाइमस्टोन धारित क्षेत्र के निष्कासन हेतु आश्रयणी की सीमा परिवर्तन के लिए रिवाइज्ड ऑफर पर चर्चा की गयी.
टाइगर रिजर्व पर भी हुई बातः साथ ही कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी को टाइगर रिजर्व बनाने हेतु प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यप्राणी पर्षद को भेजने, जान-माल को क्षति पहुंचाने वाले घोड़परास एवं जंगली सुअर को वर्मिन घोषित किये जाने संबंधी प्रस्ताव, भागलपुर जलापूर्ति परियोजना अंतर्गत इंटेक वेल एवं अन्य संरचनाओं का स्थल परिवर्तन, वन्यप्राणी संरक्षण एवं विकास हेतु नए प्रस्ताव एवं पहल पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गयी.