जनता दरबार के जरिए कई साल तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता से उनकी फरियाद सुनते रहे. मुख्यमंत्री के सरकारी आवास एक अणे मार्ग में जनता दरबार लगता था, जिसकी निशानी आज भी मुख्यमंत्री आवास के पास लगे बोर्ड पर दिखाई देती है. लेकिन अब यह वर्षों पुरानी बात हो चुकी है.
साल 2015 के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार से किनारा कर लिया. जनता दरबार के बाद शुरू हुआ लोक संवाद का दौर जिसके जरिए हफ्ते में एक दिन मुख्यमंत्री चुनिंदा लोगों से मिलते थे. लेकिन उस लोक संवाद को हुए भी अब लंबा अरसा बीत चुका है.
राबड़ी आवास पर आरजेडी का जनता दरबार फरियाद का बदल गया 'पता'!
आरजेडी नेता शक्ति यादव कहते हैं कि अब किसी को परेशानी होती है तो वो सीधा 10 सर्कुलर रोड पहुंचता है. राबड़ी देवी के सरकारी आवापस पर तेजस्वी रोज शाम को नेता प्रतिपक्ष सबकी फरियाद सुनते हैं. समस्याओं को सुलझाने का आश्वासन भी देते हैं.
आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता से इतनी दूरी केसे बना ली है? इसके जवाब में शक्ति सिंह कहते हैं कि सीएम अब लोगों की समस्या सुनने और सुलझाने के काबिल नहीं रह गए हैं. वो जानते हैं कि लोगों की समस्या को दूर नहीं कर सकते, यह सुनकर उन्हें तनाव होता है और यही वजह है कि वह खुद को जनता से अलग कर चुके हैं.
राबड़ी आवास पर आरजेडी का जनता दरबार अब किसी को परेशानी होती है तो वो सीधा 10 सर्कुलर रोड पहुंचता है. राबड़ी देवी के सरकारी आवापस पर तेजस्वी रोज शाम को नेता प्रतिपक्ष सबकी फरियाद सुनते हैं. समस्याओं को सुलझाने का आश्वासन भी देते- शक्ति सिंह यादव, आरजेडी प्रवक्ता
शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी 'नकल भी अकल से होती है'
इधर जदयू के नेता तेजस्वी यादव को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. उनका कहना है कि तेजस्वी यादव को नकल करना भी नहीं आता वह मुख्यमंत्री की बराबरी करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जब भी वे ऐसी कोशिश करते हैं तो खुद ही हिट एंड रन हो जाते हैं. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि मुख्यमंत्री कभी भी जनता से दूर नहीं हुए, वह हर साल यात्रा पर भी निकलते हैं और लोगों की समस्याएं सुलझाते हैं.
नकल भी अकल से होती है. तेजस्वी यादव को नकल करना भी नहीं आता. वह मुख्यमंत्री की बराबरी करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब भी वे ऐसी कोशिश करते हैं तो खुद ही हिट एंड रन हो जाते हैं- राजीव रंजन प्रवक्ता, जेडीयू
राजीव रंजन, प्रवक्ता, जेडीयू जनता दरबार और लोक संवाद को लेकर पहले भी विपक्ष ने कई बार सवाल खड़े किए हैं. अब जबकि लंबे समय से मुख्यमंत्री ने आम लोगों से मिलने जुलने का कार्यक्रम बंद कर दिया है, ऐसे में विपक्ष के सीधे निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं.