पटना: जीवन सुगमता सूचकांक 2019 के अंतर्गत सिटीजन परसेप्शन सर्वे की शुरुआत हो चुकी है. पटना नगर निगम सूचकांकों को तैयार करने के लिए शहरों के नियोजन क्रियान्वयन और निगरानी तंत्र का आकलन करने के लिए तैयारी कर ली है. पटना नगर निगम के पीआरओ हर्षिता चौहान ने बताया कि भारत सरकार ने जीवन आसान बनाने के उपायों का आकलन करने के लिए जीवन सुगमता सूचकांक 2019 के माध्यम से 1 फरवरी 2020 में जीवन सूचकांक सर्वेक्षण के माध्यम से शहरों का सर्वे शुरू हो गया है.
सर्वे में ऐसे ले हिस्सा
हर्षिता चौहान ने कहा कि यह सर्वे आम लोगों से जुड़ा हुआ है क्योंकि उन्हीं के माध्यम से सरकार को जानना है कि उनके हिसाब से उनका शहर रहने के लिए कितना बेहतर है. जीवन सुगमता सूचकांक 2019 की रूपरेखा का मूल्यांकन प्रणाली का 30 फीसदी भार लोगों के फीडबैक पर ही निर्भर करता है. यह सर्वे 29 फरवरी तक चलेगी. इस सर्वे में कुल 24 सवाल तैयार किए गए हैं. जिससे लोग अपने शहरों के बारे में फीडबैक देने के लिए www.eol2019.org जाकर उन सभी 24 सवालों का जवाब दे सकते हैं. इसी आधार पर सर्वे के माध्यम से शहर को रैंक मिलेगा.
क्या है जीवन सुगमता सूचकांक 2019?
वर्तमान में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय भारत सरकार की ओर से शहरों के विकास के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, शहरों में स्मार्ट सिटी मिशन और 500 शहरों में अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. इन सभी योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आंकड़ों पर आधारित शासन प्रणाली विकसित करने के लिए यह सर्वे कराया जा रहा है.