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राजधानी में शुरू हुआ सिटीजन परसेप्शन सर्वे, लोगों के फीडबैक पर निर्भर करेगा शहर का रैंक

पटना में सिटीजन परसेप्शन सर्वे की शुरुआत हो चुकी है. जीवन सुगमता सूचकांक 2019 की रूपरेखा का मूल्यांकन प्रणाली का 30 फीसदी भार लोगों के फीडबैक पर ही निर्भर करता है.

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Published : Feb 20, 2020, 9:26 PM IST

Citizen perception survey
पीआरओ हर्षिता चौहान

पटना: जीवन सुगमता सूचकांक 2019 के अंतर्गत सिटीजन परसेप्शन सर्वे की शुरुआत हो चुकी है. पटना नगर निगम सूचकांकों को तैयार करने के लिए शहरों के नियोजन क्रियान्वयन और निगरानी तंत्र का आकलन करने के लिए तैयारी कर ली है. पटना नगर निगम के पीआरओ हर्षिता चौहान ने बताया कि भारत सरकार ने जीवन आसान बनाने के उपायों का आकलन करने के लिए जीवन सुगमता सूचकांक 2019 के माध्यम से 1 फरवरी 2020 में जीवन सूचकांक सर्वेक्षण के माध्यम से शहरों का सर्वे शुरू हो गया है.

सर्वे में ऐसे ले हिस्सा
हर्षिता चौहान ने कहा कि यह सर्वे आम लोगों से जुड़ा हुआ है क्योंकि उन्हीं के माध्यम से सरकार को जानना है कि उनके हिसाब से उनका शहर रहने के लिए कितना बेहतर है. जीवन सुगमता सूचकांक 2019 की रूपरेखा का मूल्यांकन प्रणाली का 30 फीसदी भार लोगों के फीडबैक पर ही निर्भर करता है. यह सर्वे 29 फरवरी तक चलेगी. इस सर्वे में कुल 24 सवाल तैयार किए गए हैं. जिससे लोग अपने शहरों के बारे में फीडबैक देने के लिए www.eol2019.org जाकर उन सभी 24 सवालों का जवाब दे सकते हैं. इसी आधार पर सर्वे के माध्यम से शहर को रैंक मिलेगा.

ऑनलाइन भरें फीडबैक

क्या है जीवन सुगमता सूचकांक 2019?
वर्तमान में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय भारत सरकार की ओर से शहरों के विकास के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, शहरों में स्मार्ट सिटी मिशन और 500 शहरों में अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. इन सभी योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आंकड़ों पर आधारित शासन प्रणाली विकसित करने के लिए यह सर्वे कराया जा रहा है.

इस सूची के तीन महत्वपूर्ण अंग हैं. जिसमें जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक सामर्थ्य और संवह्नियता शामिल है. इस सूचकांक में कुल 14 श्रेणियां हैं. जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पेयजल, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, मनोरंजन, आर्थिक विकास, आय, आर्थिक अवसर, पर्यावरण, हरित भवन और क्षेत्र ऊर्जा, सुरक्षा और सुगमता शामिल है.

देखें ये रिपोर्ट

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ऑफलाइन संस्करण में प्रत्यक्ष साक्षात्कार
किसी भी शहर की शासन प्रणाली और उसका विकास नगर निगम के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. शहर को स्मार्ट बनाने में निकायों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इस विचार के साथ आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने पहली बार नगरीय निकाय सूचकांक 2019 को लॉन्च किया है.

स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत किए जा रहे जीवन सुगमता सूचकांक 2019 सर्वेक्षण के साथ इसे जोड़ा जाएगा. बता दें इस सर्वेक्षण के ऑफलाइन संस्करण में लोगों के प्रत्यक्ष साक्षात्कार लिए जाएंगे. यह 1 फरवरी से शुरू हो चुका है. जो ऑनलाइन संस्करण के साथ साथ ही चल रहा है.

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