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CII और BIA ने RBI के फैसले का किया स्वागत, दिए ये महत्वपूर्ण सुझाव

आईबीआई के रेपो रेट में कटौती की घोषणा के बाद बीआईए और सीआईआई ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही इस मामले को लेकर काफी सुझाव भी दिए हैं.

Patna
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Published : May 22, 2020, 7:43 PM IST

पटना: शुक्रवार को आरबीआई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें रेपो रेट में और भी कटौती की बात की बात कही गई. आरबीआई की ओर से रेपो रेट में 40 बीपीएस की कटौती कर दी गई है. जिसके बाद नया रेपो रेट 4 प्रतिशत हो गया है. वहीं, 3 महीने के लिए ईएमआई मोरेटोरियम भी बढ़ा दिया गया है, जिससे 31 अगस्त तक किस्त टल सकेंगे.

आरबीआई के इस फैसले का बीआईए और सीआईआई ने स्वागत किया है. साथ ही कुछ सुझाव दिए हैं. जिससे तत्काल कुछ लाभ हो पाए. (सीआईआई) कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विनोद खेरिया ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जो चार मुख्य घोषणा की है. उसमें रेपो रेट में 0.4 दशमलव की कमी की गई है. यह एक अच्छी चीज है. लेकिन इसके समस्या यह है कि अगर आप इंटरेस्ट रेट बहुत कम कर देते हैं तो काफी समस्या होगी. उन्होंने कहा कि लोग पहले से ही बैंकों में पैसा रखने में ज्यादा भरोसा नहीं रखते. यह बात जानते हुए अगर रेपो रेट कम कर रहे हैं तो बैंकों के पास जमा पूंजी का थोड़ा अभाव हो जाएगा. साथ ही इस कारण ऋण देने में भी कठिनाई होगी और रेपो रेट का कोई खास असर नहीं पड़ेगा.

CII अध्यक्ष विनोद खेरिया

'6 % GDP होगा फॉल'
विनोद खेरिया ने कहा कि जीडीपी तो निश्चित ही निगेटिव में जाएगी. क्योंकि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री का 9% शेयर भारत की जीडीपी में है. उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्रीज को आने वाले 1 साल तक लाभ नहीं होगा और भी कई उद्योग हैं, जिनका शेयर भारत की जीडीपी में और सभी उद्योग की स्थिति अभी दयनीय है. सीआईआई के अध्यक्ष ने बताया कि जाहिर सी बात है कि जीडीपी निगेटिव में ही जाएगा. जिससे लगभग 6% जीडीपी का डाउनफॉल होगा. ऐसे में संकट की घड़ी में कोई भी पहले से प्लानिंग नहीं कर सकता. इसलिए सरकार भी नहीं कर पाई.

पेश है रिपोर्ट

BIA के अध्यक्ष ने दी जानकारी
वहीं, बीआईए के अध्यक्ष रामलाल खेतान कहा कि आरबीआई ने जो घोषणा की है वह काफी अच्छा है. लेकिन इससे लाभ फिलहाल किसी को नहीं मिलने वाला. उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि लाभ समय तब मिलेगा जब उद्योग पटरी पर आएगा. क्योंकि जो लोग उद्योग चला रहे हैं, उनकी स्थिति अभी काफी दयनीय है. बीआईए के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार को करना यह चाहिए था कि जो लॉकडाउन पीरियड है, उसके पहले जिन लोगों ने कर्ज ले रखा था. उसका जो ऋण है उसे सरकार माफ करें या उसमें कुछ छूट दे. जिससे कुछ लाभ मिल सके.

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