पटना (मसौढ़ी): जिले के मसौढ़ी के श्रीनगर मोहल्ले में चित्रांश परिवार द्वारा कलम-दवात के देवता चित्रगुप्त की पूजा की गई. कार्तिक मास की द्वितीया को कायस्थ समाज कलम-दवात के आराध्य भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. चित्रगुप्त भगवान संसार की सभी चीजों का लेखा-जोखा रखते हैं.
पटना: मसौढ़ी में धूमधाम से मनायी गयी चित्रगुप्त पूजा - पटना
भगवान चित्रगुप्त कलम के देवता माने जाते हैं. मान्यता के अनुसार भगवान चित्रगुप्त ब्रह्मदेव की संतान हैं. चित्रगुप्त को यमराज का सहायक देव माना जाता है.
वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि कलम से काम करने वाले सभी लोगों को इस भगवान की पूजा करनी चाहिए. कहा जाता है कि सभी कायस्थ बंधु चित्रगुप्त भगवान के वंशज हैं और आज के दिन कलम नहीं छूते हैं. बता दें कि भगवान चित्रगुप्त कलम के देवता माने जाते हैं. मान्यता के अनुसार, भगवान चित्रगुप्त ब्रह्मदेव की संतान हैं. चित्रगुप्त को यमराज का सहायक देव माना जाता है. यमलोक के राजा यमराज को कर्म के आधार पर जीव को दंड या मुक्ति देने में कोई समस्या ना हो इसलिए चित्रगुप्त भगवान हर व्यक्ति का लेखा-जोखा लिखकर यमदेव को देते हैं.
पूजन से दूर होती है गरीबी और अशिक्षा
कायस्थ समाज पूजा के दिन भगवान चित्रगुप्त के साथ कलम और बही खाते का भी पूजा करते हैं. इसके साथ ही अपनी आय और व्यय का ब्यौरा और घर परिवार के बच्चों के बारे में पूरी जानकारी लेकर भगवान चित्रगुप्त अर्पित करते हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि भीष्म पितामह ने भी भगवान चित्रगुप्त की पूजा की थी. उनकी पूजा से खुश होकर भगवान चित्रगुप्त ने पितामह को अमर होने का वरदान दिया था. मान्यता है कि इनकी पूजा करने से गरीबी और अशिक्षा दूर हो जाती है.