पटना:बिहार की राजनीति (Bihar politics) में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. एक तरफ जहां एलजेपी (LJP) बिखर गई है और चिराग पासवान (Chirag Paswan) की जगह पशुपति पारस (Pashupati Paras) के नेतृत्व में नया खेमा तैयार हो चुका है. इस बीच चिराग पासवान ने ट्वीट करते हुए चाचा पशुपति पारसको लिखी 6 पेज की पुरानी चिट्ठी को ट्वीट कर साझा किया है.
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चिराग ने पुराना पत्र किया साझा
चिराग पासवान ने ट्वीट कर लिखा कि ''पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा. पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए. लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है. पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं.''
चिराग पासवान का छलका दर्द
चिराग पासवान ने होली पर स्वर्गीय रामविलास पासवान को याद करते हुए लिखा कि 'आदरणीय चाचा जी....पापा के बिना ये पहली होली है, जिसमें हम सब साथ नहीं हैं. इस त्योहार को हम सभी काफी धूमधाम से मनाते थे, लेकिन अब शायद ही हम ऐसी होली फिर से मना पाए. इस पत्र को लिखने से पहले में आपसे मिलना चाहता था और मिलकर सभी समस्याओं को सुलझाना चाहता था, लेकिन आपकी तरफ से कभी कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला.''
'2019 से बदले चाचा'
उन्होंने कहा कि 2019 में रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से मैंने आपके स्वभाव में लगातार बदलाव देखा है. चाचा के निधन के बाद प्रिंस की जिम्मेदारी चाची ने मुझे सौंप दी थी. प्रिंस को आगे बढ़ाने के लिए मैंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी प्रिंस को दी थी. मेरे इस फैसले से सभी काफी खुश भी थे. मुझे विश्वास था कि मेरे इस फैसले से आप खुश होंगे, लेकिन मुझे उस वक्त पीड़ा हुई जब आप इस फैसले के विरोध में नाराज हो गए.
पापा ने मुझे पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन आपने इस फैसले पर भी अपनी नाराजगी जताई. जिस दिन मुझे पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया उस दिन आप सिर्फ 5 मिनट के लिए आए प्रस्तावक बने और चले गए. उस दिन पापा कार्यक्रम के बाद काफी दुखी थे. मेरे अध्यक्ष बनने के बाद आपने घर आना जाना भी कम कर दिया था.
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'चुनाव के समय आपने बनाई दूरी'
मुझे मिली नई जिम्मेदारी के बाद मैंने 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' यात्रा की शुरूआत की. इस यात्रा में बिहार के लोगों का अभूतपूर्व प्यार और साथ मिला. पार्टी के सभी सांसद, विधायक और कार्यकर्ता इस यात्रा से काफी खुश थे. मैं चाहता था कि इस यात्रा में मुझे आपका भी आशीर्वाद मिले लेकिन आपने पूरी यात्रा से दूरी बनाए रखी.
'आप मंत्री बने तो खुश थे पापा'
मुझे आज भी याद है कि वो दिन जब नीतीश कुमार रातों रात एनडीए की मदद से बिहार के मुख्यमंत्री बने और आपने खुद एमएलसी और मंत्री बनने की इच्छा जताई. आपने पहले ही नीतीश कुमार से इस विषय पर बात कर लेकर अपनी इच्छा जाहिर की. इससे पहले पापा राजू तिवारी, नूतन सिंह को मंत्री बनाने की बात सोच रहे थे, लेकिन आपके बोलने के बाद पापा ने कुछ नहीं बोला. आपके मंत्री बन जाने से पापा बेहद खुश थे.
'मंत्री बनने के बाद भी आप रहे नाखुश'
मंत्री बनने के बाद आपको पशुपालन विभाग मिला जिससे आप नाखुश थे. लेकिन पापा आपको मंत्री बना देख काफी खुश थे. लेकिन आप तब भी खुश नहीं थे इस बात को लेकर पापा बहुत दुखी थे. पापा के हर उस फैसले के साथ मैं खुश था जिसमें एमएलसी, मंत्री और एमपी बनाने की बात कही थी.
'पार्टी लाइन से हटकर रहे आप'
पापा ने मुझे बोला था कि अब पार्टी को आगे बढ़ाने का समय आ गया है. अब यह समय आ गया था जब पापा और मैं नीतीश कुमार के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. एक साल में पार्टी ने काफी मेहनत भी की थी, जिसके आधार पर चुनाव अकेले लड़ा जा सकता था. आप अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं थे. चुनाव के दौरान भी आपने नीतीश कुमार की तारीफ की थी जिससे पार्टी के प्रदर्शन पर काफी असर पड़ा था. पापा के जाने के बाद मुझे आपकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, लेकिन आपने चुनाव से पहले नीतीश के पक्ष में बात की तो मुझे काफी दुख हुआ.
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'पहले भी की पार्टी तोड़ने की कोशिश'
मैंने हमेशा चाहा कि जिस तरह पापा अपने दोनों भाईयों को साथ लेकर आगे बढ़े उसी तरह मैं भी प्रिंस, कृष्ण और मुस्कान को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करूं. पापा के बाद मेरी गलतियों को सुधारने की जिम्मेदारी आपकी थी. मुश्किल दौर में आपको मेरा मार्गदर्शन करना था. परंतु ऐसा करना तो दूर आपने मुझसे बात करना ही बंद कर दिया. पापा के रहते और उनके बाद भी कई बार आपने पार्टी को तोड़ने की कोशिश की.
'मुश्किल समय में छोड़ा साथ'
कुछ दिन पहले स्वाति नाम की महिला जो पहले पार्टी से जुड़ी हुई थी, वह प्रिंस पर यौन शोषण का आरोप लगाकर ब्लैकमेल कर रही थी. परिवार के बड़े होने के नाते मैंने आपसे परामर्श किया, लेकिन आपने इस गंभीर मामले को भी अनदेखा कर दिया. आपके अनदेखा करने के बाद मैंने प्रिंस को पुलिस के पास जाने की सलाह दी. ताकि सच और झूठ सामने आए और जो भी दोषी हो वह दंडित हो.
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