पटना: एनडीए में होने के बावजूद चिराग पासवान और पशुपति पारस में लड़ाईथमती नहीं दिख रही है. जिस वजह से बीजेपी की भी चिंता बढ़ी हुई है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बिहार में दलित वोटों के विखराव को रोकना चाहती है. ऐसे में तमाम बड़े दलित नेताओं को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल कराया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पशुपति पारस और चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा हैं. एलजेपी स्थापना दिवस पर चाचा-भतीजे ने शक्ति प्रदर्शन तो किया ही, साथ ही एक-दूसरे पर हमले भी खूब किए. पारस ने अपने लोकसभा क्षेत्र हाजीपुर में दमखम दिखाया तो चिराग ने पटना में अपनी ताकत दिखाई.
भतीजे ने दिया चाचा को बड़ा झटका:स्थापना दिवस के मौके पर चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस को बड़ा झटका दिया है. पारस खेमे के एक सांसद को उन्होंने अपने पक्ष में कर लिया है. वैशाली से सांसद वीणा देवी ने चिराग पासवान का मंच साझा कर सबको हैरत में डाल दिया. पशुपति पारस के साथ पांच सांसद थे लेकिन वीणा देवी के अलग होने के बाद से उनकी पार्टी में चार सांसद रह गए है, जबकि चिराग पासवान की पार्टी में दो सांसद हो गए हैं.
चाचा पर भारी पड़े भतीजे:दोनों नेता एक-दूसरे से अधिक सीट की उम्मीद लगाए बैठे हैं. चाचा-भतीजे के बीच आरपार की लड़ाई ने बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और सांसद चिराग पासवान के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. सटिंग-गेटिंग के फार्मूले पर पशुपति पारस पांच लोकसभा सीट का दावा कर रहे थे लेकिन अब एक सांसद की संख्या कम होने से पशुपति पारस के दावों को झटका लगा है.
चिराग को लेकर पारस बेहद नाराज: दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक और पारिवारिक दूरी काफी बढ़ चुकी है और सुलह की गुंजाइश नहीं के बराबर रह गई है. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस खुद को रामविलास पासवान का उत्तराधिकारी मानते हैं. उनका दावा है कि असली लोक जनशक्ति पार्टी उनकी है. पारस ने कहा कि चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा नहीं हैं. वह कब कहां जाएंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं है. पशुपति पारस ने भतीजे के साथ राजनीतिक तौर पर मिलन को एक सिरे से खारिज किया है.
"हाजीपुर मेरी सीट है और हर हाल में मैं यहीं से लोकसभा का चुनाव लड़ूंगा. कौन क्या बोलता है, उससे मुझे कोई मतलब नहीं है. आदरणीय रामविलास पासवान ने मुझे इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए आशीर्वाद दिया था. मेरी पार्टी एकजुट है और एनडीए का हिस्सा है"- पशुपति कुमार पारस, अध्यक्ष, आरएलजेपी
चाचा के लिए भतीजे के मन में भी तल्खी:चिराग पासवान भी चाचा पारस को लेकर नाराज हैं. चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार के इशारे पर चाचा ने पार्टी और परिवार को तोड़ा है. उनके पिता रामविलास पासवान के सपने को तार-तार करने का काम पशुपति पारस ने ही किया है. लिहाजा अब एक होने की कोई संभावना नहीं है.