पटना:बिहार विधानसभा की 2 सीटों पर हुए उपचुनाव (Bihar By-Election) के बाद अब रिजल्ट पर सबकी नजर है. 2 नवंबर को मतगणना (By-Election Counting) होगी. कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने पहली बार उपचुनाव में प्रचार किया. वहीं, चिराग पासवान लोजपा के टूटने के बाद फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में लगे हैं. ऐसे में दोनों की राजनीतिक साख दांव पर लगी है.
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बिहार में तारापुर और कुशेश्वरस्थान में 30 अक्टूबर को वोट डाला गया था. जदयू और आरजेडी के तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं. महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी कांग्रेस ने भी दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारा था. कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया ने पहली बार चुनाव प्रचार किया था. वहीं, चिराग पासवान ने पार्टी (लोजपा) टूटने के बाद उपचुनाव में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है.
"चिराग पासवान की पार्टी अभी नई है. उनका चुनाव चिह्न नया है. लोगों को बीच इसका उतना प्रचार नहीं हुआ है. इसके बाद भी उनकी राजनीतिक साख दांव पर लगी है. अगर वह इस चुनाव में उभरकर सामने नहीं आते हैं तो उनपर प्रश्न चिह्न लग जाएगा. पिछले चुनाव में उन्होंने अपनी ताकत दिखाई थी. इस उपचुनाव में कन्हैया की कहीं कोई बड़ी रैली नहीं दिखी. बिहार कांग्रेस के नेतृत्व ने कहीं न कहीं उनसे परहेज किया है."- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार