पटना: चिंताहरण सिंह जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर ट्रस्ट द्वारा पुरानी बहुमूल्य दस्तावेजों को बिहार अभिलेखागार को सौंपा गया. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और मंत्रिमंडल के प्रधान सचिव संजय कुमार भी उपस्थित थे.
बहुत पुराने हैं सभी अभिलेख
चिंताहरण ट्रस्ट के प्रबंधक डॉ सत्यजीत सिंह ने कहा कि ये सारे अभिलेख बहुत पुराने हैं. बिहार आए वाल्टर हाउजर ने अपने शोध के दरम्यान यहां से इसे लेकर अमेरिका चले गए थे. उनकी इच्छा थी कि शोध के बाद यह दस्तावेज बिहार को लौटा दिया जाए और आज हमने इस दस्तावेज को बिहार अभिलेखागार को वापस कर दिया है. उन्होंने कहा कि इसमें स्वामी सहजानंद सरस्वती से जुड़े कई तथ्य हैं.
जानकारी देते चिंताहरण ट्रस्ट के प्रबंधक डॉ सत्यजीत सिंह सीताराम आश्रम बिहटा से ले गये थे दस्तावेज
डॉक्टर सत्यजीत सिंह ने कहा कि ये सारे दस्तावेज वाल्टर हाउजर सीताराम आश्रम बिहटा से ले गये थे. उन्होंने किसान नेता स्वामी सहजानंद पर शोध किया था. ये सारे दस्तावेज बिहार अभिलेखागार के लिए बहुमूल्य हैं, जिसे आज चिंतामणि सिंह की जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर बिहार सरकार को सौंप दिया गया. ये दस्तावेज बिहार में नए शोधार्थी के लिए बहुमूल्य हैं. सीताराम आश्रम में जहां स्वामी सहजानंद रहा करते थे, वहीं का ये सारा दस्तावेज है. जिसे अमेरिका से ट्रस्ट ने अथक प्रयास के बाद बिहार लाया है.
वाल्टर हाउजर एक शोधार्थी थे
बता दें कि वाल्टर हाउजर एक शोधार्थी थे, जो अमेरिका से भारत किसान आंदोलन पर शोध करने आये थे. शोध के क्रम में वह पटना के बिहटा के सीताराम आश्रम से कुछ दस्तावेज अपने साथ लेकर अमेरिका चले गये थे. जिसे चिंतामणि ट्रस्ट ने वही अभिलेख बिहार सरकार को सौंपा है, उसे बिहार के अभिलेखागार में रखा जाएगा.