पटनाःनियमित वेतनमान और सेवा शर्त के साथ पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर लाखों नियोजित शिक्षक सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. स्कूलों में ताले लटके हैं और स्कूल के गेट पर बच्चों की भीड़ लगी हुई है.
स्कूलों में हुई तालाबंदी
नियोजित शिक्षकों ने विभिन्न स्कूलों में चल रही पढ़ाई बंद करते हुए स्कूलों में तालाबंदी कर दी है. मैट्रिक की परीक्षा आज से शुरू हुई है. हड़ताल का इस पर भी बड़ा असर पड़ा है. हालांकि सरकार ने पहले चेतावनी दी थी कि जो लोग स्ट्राइक पर जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी, लेकिन उसका कोई असर इन शिक्षकों पर पड़ता नहीं दिख रहा है.
स्कूल से बाहर निकलता बच्चा 'दी गई थी आंदोलन की जानकारी'
ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही एक स्कूल का जायजा लेने पहुंची. जहां मौजूद बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि हम लोग कई बार सरकार को आंदोलन की जानकारी दे चुके थे. हमने चरणबद्ध तरीके से पिछले साल से ही आंदोलन चलाया है. लेकिन इसका कोई जवाब सरकार की तरफ से नहीं दिया गया. वार्ता के लिए कोई पहल भी नहीं हुई, इस कारण हम लोग आज से हड़ताल पर हैं.
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क्या है शिक्षकों की मांग
बता दें कि नियोजित शिक्षक सरकार से पुराने शिक्षकों की तरह वेतनमान, सेवा शर्त और पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग पर अड़े हैं. इस मांग को लेकर नियोजित शिक्षक संघ ने 17 फरवरी से हड़ताल पर जाने का ऐलान पहले ही कर दिया था. शिक्षकों की इस हड़ताल का मैट्रिक की परीक्षा पर भी प्रभाव पड़ेगा.