पटना: बिहार में प्रेमी युगलों के घर छोड़ने के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है. बीते साल की तुलना में इस साल के जून तक में ही जो आंकड़ें आ रहे हैं उसने सभी को हैरत में डाल दिया है. पुलिस मुख्यालय(Police Headquarters) के मुताबिक बिहार में जितने भी अपहरण के मामले दर्ज (Kidnapping Cases In Bihar) हो रहे हैं उनमें से 70% मामले प्रेम प्रसंग (Love Affairs) से संबंधित पाए गए हैं.
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प्रेमी युगल के घर छोड़कर भागने के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा बताया गया है कि 2013 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार गुमशुदगी के मामलों को भी अपहरण मानकर मामला दर्ज कर अनुसंधान किया जाए. जिस वजह से मामलों में लगातार वृद्धि हुई है. हालांकि कुछ ऐसे भी मामले होते हैं जिनमें एफआईआर दर्ज नहीं कराए जाते हैं.
शादी के लिए अपहरण
- 8004 किडनैपिंग के मामले 2020 में आए सामने
- बिहार के विभिन्न जिलों के थानों में 5308 मामले दर्ज
- साल 2021 के जून तक किडनैपिंग के 5089 मामले
- बिहार के विभिन्न जिलों से अब तक 3864 मामले आए सामने
- 2020 की तुलना में 2021 में मामलों में आई बढ़ोतरी
2020 की बात करें तो पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक पूरे साल में 8004 किडनैपिंग के मामले दर्ज हुए थे, जिनमें 5308 मामले बिहार के विभिन्न जिलों के थानों में लड़कियों के शादी के मकसद से गायब होने के दर्ज हुए हैं. एससीआरबी (State Crime Records Bureau) के रिपोर्ट के अनुसार बिहार के विभिन्न जिलों में अब तक 3864 किडनैपिंग फॉर मैरिज के दर्ज हुए हैं. बिहार पुलिस के आंकड़े के अनुसार साल 2020 की तुलना में 2021 में इन मामलों में वृद्धि हुई है.
एससीआरबी की रिपोर्ट
- शाहाबाद में दर्ज हुए 267 मामले
- मगध प्रक्षेत्र में 302 मामले आए सामने
- सारण में 423 मामले प्रकाश में आए
- चंपारण में 261 मामले हुए दर्ज
- तिरहुत से 641 मामले आए
- मिथिला में 363 मामले दर्ज किए गए
- कोसी में 191 मामले
- पूर्णिया में 321 मामले
- मुंगेर में 179 मामले दर्ज किए गए
बिहार पुलिस मुख्यालय का शादी के लिए अपहरण की दलील पर कहना है कि अपहरण में अधिकांश मामले शादी के लिए अपहरण एवं प्रेम प्रसंग से जुड़े हुए हैं. जैसे वर्ष 2019 और 2020 में दर्ज मामलों में 70% मामलों में प्रेम प्रसंग से संबंधित पाए गए हैं.
बिहार में ऐसे मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के पीछे का कारण: वर्ष 2013 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार गुमशुदगी के संबंधित मामलों को भी अपहरण मांग कर मामला दर्ज कर अनुसंधान की कार्रवाई की जा रही है. जिसके कारण वर्ष 2013 के बाद बिहार ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुई है.