पटना: बिहार में कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किस तरह बिगड़ा है. इसका नजारा शुक्रवार को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल(PMCH) में देखने को मिला. यहां सुबह से एक लाचार पिता अपने डेढ़ साल के बच्चे को गोद में लेकर इलाज के लिए दर-दर भटकता रहा. अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी उसे एक वार्ड से दूसरे वार्ड में टहलाते रहे और आखिरकार बच्चे का इलाज नहीं हुआ. थक हाकर पिता को घर लौटना पड़ा.
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दिनभर भटकता रहा पिता नहीं हुआ बच्चे का इलाज
अपने डेढ़ साल के बच्चे के साथ सीतामढ़ी से आये सलाउद्दीन ने बताया कि उनका घर नेपाल बॉर्डर के पास है. वे 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर पीएमसीएच अपने बच्चे का इलाज कराने पहुंचे थे. बड़ी उम्मीद थी कि यहां मेरे बच्चे का इलाज हो जाएगा. लेकिन यहां की व्यवस्था से वह बहुत क्षुब्ध हैं. पिछले साल अजहान को पीएमसीएच में दिखाया था. बच्चे के सिटी स्कैन में सिर में पानी डिटेक्ट हुआ है. तब बताया गया था कि सिर में पानी भर गया है. लॉकडाउन होने की वजह से दोबारा दिखा नहीं पाए और करीब 1 महीना बाद दोबारा दिखाने पहुंचे हैं.
'जब यहां पहुंचे हैं तो उन्हें कभी न्यूरो तो कभी मेडिसिन वार्ड में भेजा जा रहा है. वहां से शिशु वार्ड भेज दिया जा रहा है. शिशु वार्ड से बताया गया कि न्यूरो के डॉक्टर ही इसको देखेंगे और इसके लिए कोई गंभीर सर्जरी नहीं करनी है. सुबह से पीएमसीएच के इन सभी वार्डों में तीन से चार बार चक्कर काट चुका है. अब समय भी खत्म हो गया मगर बच्चे का किसी ने इलाज नहीं किया गया. अब उन्हें यहां से आईजीआईएमएस रेफर किया जा रहा है. स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि आईजीआईएमएस में जब कोरोना का इलाज खत्म हो जाएगा, तब वहां जाकर बच्चे को दिखा लें. बीती रात को ही पीएमसीएच पहुंचे. रात भर यहां रहा फिर भी बच्चे का इलाज नहीं हुआ.:- सलाउद्दीन, बच्चे के पिता