पटना: बिहार केमुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार(Janta Darbar in Patna) में हर सोमवार की तरह इस बार भी फरियादी अपनी परेशानियों को लेकर पहुंच रहे हैं. इस दौरान नीतीश कुमार (Nitish Kumar Janta Darbar) ने एक फरियादी की पूरी बात सुनने के बाद कहा कि इस तरह के मामले शिकायत की श्रेणी में नहीं आते बल्कि ये मांग है. ऐसे मामलों को जिलास्तर पर देखना है. सरकार ने इसके लिए निर्देश भी दिया हुआ है. दरअसल सीएम के दरबार में आए एक फरियादी ने बताया कि प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है. लेकिन स्कूल जाने के लिए कोई रास्ता नहीं हैं.
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जनता दरबार में फरियादी ने कहा कि सर दूसरे गांव में प्राइमरी स्कूल है. मेरे गांव के छोटे-छोटे बच्चे वहां पढ़ने जाते हैं. लेकिन आने-जाने का कोई रास्ता (Complaint of no road to CM Nitish) नहीं है. फरियादी की बात सुनते ही सीएम ने कहा कि चलिए ये कोई शिकायत है, ये तो डिमांड है. इसके लिए तो हमलोगों ने अलग से सर्वे कराया है, कहां सड़क बनेगा. ये कौन सी शिकायत है. ग्रामीण इलाकों में तो इसके लिए सर्वे हो रहा है.
"मैंने फरियादी को वापस भेज दिया है. पहले तो मामले को देखना चाहिए था कि बना है कि नहीं. और अगर नहीं बना है तो क्यों नहीं बना है, ये देखना चाहिए था. फिर ऐसे मामलों में क्या शिकायत है ? ऐसे मामलों में जिला को बताना चाहिए न. उसको यहां आने की कोई जरूरत ही नहीं थी. अब तो जिला से ही सब कुछ होता है."- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
कोरोना गाइडलाइन का रखा जा रहा ध्यान: कोरोना गाइडलाइन का जनता दरबार में सख्ती से पालन हो रहा है. जनता दरबार (Janata Darbar in Patna) में लोगों को सीमित संख्या में बुलाया जा रहा है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले फरियादी का कोरोना टेस्ट कराया जाता है. उसके बाद ही जिला प्रशासन के माध्यम से जनता दरबार में लाया जाता है. मुख्यमंत्री का जनता दरबार सुबह 11 बजे से सीएम सचिवालय संवाद के ठीक बगल में बनाए गए हॉल में शुरू हुआ.