पटना:मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि पहले चरण के 71 सीटों पर निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हम तैयार है. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. गौरतलब है कि पहले चरण के कुल 71 विधानसभा क्षेत्रों में 28 अक्टूबर को मतदान होगा. लिहाजा सोमवार शाम 6 बजे प्रचार का दौर थम गया.
31,371 मतदान केंद्र पर होगी वोटिंग
संजय सिंह ने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव के लिए कुल 31,371 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. सभी मतदान केंद्रों पर पारा मिलिट्री फोर्स की तैनाती रहेगी. इस चरण में मतदान का सामान्य समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक हैं. लेकिन, कैमूर जिले के चैनपुर, औरंगाबाद के कुटुंबा, रफीगंज और नवी नगर विधानसभा क्षेत्र में सुबह 7 बजे से 3 बजे तक ही मतदान होगा. 26 विधानसभा सीट संवेदनशील है. जहां सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. 5 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, बाकी बचे 36 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 6 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक मतदान होगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय सिंह का बयान पहले चरण के चुनाव में कुल 2,14,84,787 वोटर लेंगे भाग
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल वोट 2,14,84,787 वोटर हैं. जिसमें से पुरुष वोटर 1,12,76,396, महिला वोटर 10,12,89,101 और थर्ड जेंडर 599 है. सर्विस वोटर 78,691 हैं. महिला सर्विस वोटर 3,333 हैं. प्रथम चरण के 71 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1,066 कैंडिडेट्स हैं. जिसमें से महिला उम्मीदवार 114 और पुरुष प्रत्याशियों की संख्या 952 है.
31,370 बूथों पर मतदान
प्रथम चरण में सबसे अधिक गया टाउन विधानसभा सीट पर प्रत्याशी हैं और सबसे कम कटोरिया विधानसभा सीट पर उम्मीदवार हैं. पहले चरण में जेडीयू से 35, आरजेडी से 42, बीजेपी से 29, आरएलएसपी से 40, एनसीपी से 21, कांग्रेस से 21, लोजपा से 21 और बीएसपी से 26 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इस चरण में कुल 31,370 बूथों पर मतदान होगा, कुल बैलेट यूनिट की संख्या 31,394 है और कुल वीवीपैट की संख्या 21,371 है. पहले चरण में क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा विधानसभा सीट चेनारी और सबसे छोटा बरबीघा है. पहले चरण में वोटर्स के हिसाब से सबसे बड़ा हेसुआ विधानसभा सीट है.
मतदाताओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर और ऐप जारी
इसके अलावा बिहार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर डॉयल-1950 और PwD ऐप जारी किया है. हेल्पलाइन नंबर और ऐप का मकसद मतदाताओं को चुनाव से संबंधित सारी आवश्यक जानकारियां मुहैया करवाना है, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. चुनाव आयोग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा मतदान हो. वहीं, कोविड-19 को देखते हुए सुरक्षा के कई उपाय किए गए हैं.