पटना: सोमवार को चैती छठ का तीसरा दिन रहा. डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा के तीसरे दिन की पूजा-अर्चना पूरी की गई. कोरोना वायरस और देशव्यापी लॉक डाउन के कारण लोग घरों में कैद हैं. ऐसे में छठव्रती अपने घरों की छत पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते नजर आए.
बीते शनिवार को नहाय-खाय के साथ इस लोक आस्था के महापर्व की शुरुआत हुई थी. लेकिन, लॉक डाउन होने की वजह से पटना के दीघा इलाके में एक परिवार अपने घर की छत पर ही भगवान भास्कर को अर्घ्य देते दिखाई दिया. दरअसल, जिला प्रसासन की ओर से गंगा घाटों पर जाने से पाबंदी लगाई गई थी.
अर्घ्य की तैयारी करती महिलाएं साल में 2 बार मनाया जाता है छठ पर्व
बता दें कि छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. एक चैत्र मास में और दूसरा कार्तिक माह में होता है. बिहार में इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम और पूरी निष्ठा के साथ मनाया जाता है. 4 दिनों के इस पर्व में अनुष्ठान में सफाई और पवित्रता का खास ख्याल रखा जाता है.
घर की छत पर अर्घ्य देती छठव्रती छठ का है खास महत्व
लोक आस्था के महापर्व छठ का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है. इस पर्व में वर्ती लगातार 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. यह त्योहार पूर्वी भारत में मुख्यत: बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है. हालांकि, अब तो छठ पर्व पूरे देश के साथ विदेशों में भी मनाया जाने लगा है.
सूर्य देव के अस्त होने का इंतजार करती छठव्रती