पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ पर भी कोरोना वायरस संक्रमण का खौफ दिखा. शनिवार को सुबह सूर्य के निकलने के साथ अर्घ्य दिया गया और इसी के साथ पर्व का समापन हो गया. कोरोना गाइडलाइन के चलते कई लोगों ने घर की छत पर ही सूर्य को अर्घ्य दिया. लोगों में कोरोना के खौफ साफ दिखा. पटना के कई शहरों में भी लोगों ने छतों पर और खुले स्थानों पर जाकर सूर्य को अर्घ्य दिया.
चार दिवसीय छठ पूजा संपन्न, लोगों में दिखा कोरोना का खौफ - Corona Guidelines on Chhath
शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा संपन्न हो गया. नहाय-खाय के साथ शुरू हुए इस चार दिवसीय महापर्व पर इस साल कोरोना संक्रमण का असर दिखा. हालांकि, उत्साह और आस्था में कोई कमी नहीं रही.
लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ आज समाप्त हो गया. इसके लिए राज्य के छठ घाटों पर श्रद्धालु शुक्रवार रात से ही श्रद्धालु जमा थे. इन घाटों पर रात से ही भजन गाए जा रहे थे. वैश्विक महामारी के चलते इस बार लोगों को दुर्गा पूजा, दीपावली और अब लोक आस्था का महापर्व कहलाने वाले छठ पूजा पर गहरा असर हुआ. यही वजह है कि सरकार के दिशा निर्देश के बाद लोगों ने एहतियात के तौर पर इस बार अपने घरों में ही छठ पूजा का आयोजन किया.
घाटों पर कोरोना से बेखौफ नजर आए लोग
पटना के नासरीगंज घाट, दीघा घाट, जनार्दन घाट, पार्टी पुल घाट, शिवाजी घाट, संजय सिंह घाट और कुर्जी घाट पर लोगों ने सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के नियमों की अनदेखी भी की गई. घाटों में लोगों की भारी भरकम भीड़ बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हुए देखी गई.