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Chhath Puja: बगोदर की डलिया से सजता है बिहार का 'दउरा'

गिरिडीह के अटका पूर्वी पंचायत में कई सालों से कुटीर उद्योग चल रहा है. जहां दलित परिवार बांस से दउरा, सूप, पंखा, मोनी आदि बनाते हैं. उनके बनाए गए सूप और डलिया को खरीदने के लिए छठ पूजा (Chhath Puja) में बिहार से लोग पहुंचते हैं. इन कारीगरों के बनाए बांस के सामानों की काफी डिमांड है.

Chhath Puja celebrated in Bihar with soup and porridge made in Giridih
Chhath Puja celebrated in Bihar with soup and porridge made in Giridih

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Published : Nov 9, 2021, 11:08 PM IST

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के अटका पूर्वी पंचायत बुढ़ाचांच के तुरी टोला में बांस से सामान बनाने का कुटीर उद्योग सालों भर चलता है. यहां के दलित परिवार बांस से दउरा, सूप, पंखा, मोनी आदि बनाते हैं और उसे बिहार सप्लाई करते हैं. छठ पूजा (Chhath Puja) के अवसर पर यहां के बने सूप और दउरा से बिहार में डाला सजाया जाता है.

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कारीगर सुनिता देवी बताती हैं कि बांस से सामान बनाकर वो अपने घरों में रखते हैं. बिहार से अक्सर लोग उनके यहां सामान खरीदने पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि यहां के तुरी परिवारों का जीविकोपार्जन का मुख्य पेशा बांस से सामान बनाना ही है. वो विष्णुगढ़ प्रखंड के गांवों से बांस की खरीदारी करती हैं और फिर उससे सूप, दउरा, मोनी, पंखा आदि बनाती हैं.

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वहीं कारीगर ननक तुरी ने बताया कि बांस के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है. जिसके कारण महंगे दामों में सूप, दउरा, मोनी, पंखा आदि बेचना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बांस से सामान बनाने में परेशानी होती है. लेकिन उसे बेचने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है. बिहार से एक खरीददार हमेशा आता है और फिर घर- घर से सामान लेकर जाता है. ननक बताते हैं कि कच्चे बांस से ही सामान बनाया जाता है. लेकिन आसपास के इलाके में कच्चा बांस नहीं के बराबर मिलता है. ऐसे में सीमावर्ती प्रखंड विष्णुगढ़ के गांवों से बांस की खरीदारी करते हैं.

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