पटना:बिहार की राजधानी पटना में चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ व्रत की शुरुआत शुक्रवार को नहाय खाय के साथ हो गई है. इसी सिलसिले में पटना के गंगा घाटों पर नहाए-खाए के दिन से ही व्रतियों के साथ-साथ गंगा जल ले जाने के लिए व्रतियों के परिजनों की भीड़ उमड़ (Crowd gathered at Ganga Ghats of Patna) पड़ी. पटना के गांधी घाट की अगर हम बात करे तो इस गंगा घाट पर अहले सुबह से ही व्रती आस्था की डुबकी गंगा नदी में लगाते नजर आए. नेम-निष्ठा के इस पर्व में पवित्रता का काफी महत्व है. इसलिए गंगा घाटों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
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नहाय-खाय के साथ छठ पूजा शुरूःछठ में व्रत रखने वाली महिलाओं के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य भोजन करते हैं. इस दिन व्रत से पूर्व नहाने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना ही नहाय-खाय कहलाता है. शुक्रवार से शुरू हुए नहाए-खाए को लेकर एक बार फिर संक्रमण काल की समाप्ति के बाद गंगा घाटों पर व्रतियों की भीड़ जुट गई है. गंगा घाटों पर सुरक्षा के मुक्कमल इंतजाम देखने को भी मिल रहे हैं. घाटों पर गंगा नदी में बैरिकेडिंग करने के साथ-साथ गंगा नदी में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान लगातार गश्त लगते नजर आ रहे हैं.
श्रद्धालुओं की सुविधा का रखा जा रहा खास ख्यालः गंगा घाटों पर व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था करने के साथ-साथ घाटों की निगरानी के लिए जिला प्रशासन ने सिविल डिफेंस के कर्मियों को भी तैनात किया है. वहीं दूसरी ओर गांधी घाट पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से जांच करने नहाए खाए के अहले सुबह पीरबहोर थाना अध्यक्ष दल बल के साथ पहुंचे और उन्होंने बताया है कि गांधी घाट के साथ-साथ पटना जिला प्रशासन ने पटना के सभी छठ घाटों पर सीसीटीवी के जरिए निगरानी करने के भी मुकम्मल इंतजाम किए हैं.
कोरोना काल के बाद गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़ः नहाय-खाय के दिन गंगा घाट पर आने वाली व्रतियों ने बताया कि संक्रमण काल की समाप्ति के बाद एक बार फिर से गंगा घाट पर आकर छठ महापर्व करने की खुशी ही अलग है. इसका वो इजहार नहीं कर सकती हैं. वहीं व्रतियों के साथ गंगा घाटों पर आने वाले परिजन भी गंगा घाट पर आकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. गंगा घाट पर व्रतियों के साथ-साथ पूजा में सहयोग करने वाले परिजनों ने भी आस्था की डुबकी लगाई और प्रसाद बनाने के लिए गंगा जल भर-भरकर ले गए. व्रती शांति देवी ने कहा कि छठ पूजा पर गंगा घाट पहुंचने पर काफी खुश हूं. वहीं व्रतियों के साथ आई जयश्री ने बताया कि कोरोना के कारण गंगा स्नान करने नहीं आ सके थे. आज कोरोना खत्म होने के बाद गंगा घाट आकर बहुत खुशी हो रही है.
"कोरोना के कारण गंगा स्नान करने नहीं आ सके थे. आज कोरोना खत्म होने के बाद गंगा घाट आकर बहुत खुशी हो रही है. छठ पूजा पर गंगा घाट पहुंचने पर काफी खुश हूं. आज से छठ पूजा प्रारंभ हो चुकी है"- शांति देवी ,व्रती
1. पहला दिन- नहाय खाय (28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार)
2. दूसरा दिन- खरना (29 अक्टूबर 2022, शनिवार)
3. तीसरा दिन- अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य (30 अक्टूबर 2022, रविवार)
4. आखिरी दिन व चौथे दिन- उदीयमान सूर्य को अर्घ्य (31 अक्टूबर 2022, सोमवार)
गौरतलब हो कि आज 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय-खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है.
"गंगा घाट पर व्रतियों की सुरक्षा को लेकर क्राउड मैनेजमेंट और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा. सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी तैनात हैं. इसके अलावा स्थानीय लोग भी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खास इंतजाम किए हुए हैं"-सबिह उल हक ,पीरबहोर थाना प्रभारी