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ETV भारत पर सुनिए.. 'उगी हे दीनानाथ' के साथ ही छठी मईया के कई और भक्तिमय गीत

उगी हे दीनानाथ (Ugi He Dinanath) के साथ ही ईटीवी भारत पर सुनिए छठी मईया के भक्तिमय गीत. लोक गायिका अमृता सिन्हा अपनी दिलकश आवाज से छठव्रतियों का उत्साह बढ़ा रही हैं.

Ugi He Dinanath
Ugi He Dinanath

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Published : Nov 8, 2021, 8:25 PM IST

पटना: चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2021) की शुरुआत हो गई है. आज के समय में छठ देश और दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है. छठ के गीत (Chhath Geet) भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत (ETV Bharat) आपके लिए छठी मईया के कुछ खास गाने लेकर आया है.

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नहाए खाए से छठ पर्व की शुरुआत होती है और उसके बाद दूसरा दिन खरना का होता है, तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है, वहीं चौथे दिन उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही छठ का समापन हो जाता है. बिहार के लोक गायकों के लिए भी छठ महापर्व की खास महता होती है. गायक इस समय छठी मईया के गीत गाकर लोगों का उत्साह बढ़ाने का काम करते हैं.

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लोक गायिका अमृता सिन्हा जो मूलतः लोक गायन परंपरा से जुड़ी हुई हैं और उन्होंने इस बार छठ को लेकर उगी हे दीनानाथ का नया वर्जन गया है. अमृता सिन्हा लोक गायन से जुड़ी बिहार की जानी-मानी गायिका हैं और यह मुंबई सुर संग्राम में भी हिस्सा ले चुकी हैं.

अमृता ने बताया कि छठ पर्व की जब हम बात करते हैं तो हमें अपने पौराणिक मान्यताओं का ध्यान होता है. सबसे पहले महाभारत काल में माता कुंती ने छठ पर्व किया था. उन्होंने अपने पुत्र कर्ण के लिए छठ व्रत किया था. अमृता ने बताया कि मूलतः यह पर्व पुत्र की रक्षा और सलामती के लिए की जाती है. पहले अर्घ्य के दौरान सूर्य से कामना किया जाता है वह अपनी प्रकाश व्रती के पुत्र पर डालें और दूसरे अर्घ्य के साथ व्रती अपने पुत्र को भगवान सूर्य को सौंप देते हैं.

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अमृता ने बताया कि खरना के दिन खरना के बाद लोग छठ पूजा के लिए ठेकुआ, खजूर, लडुआ इत्यादि प्रसाद तैयार करते हैं. इस दौरान महिलाएं गीत गाकर छठ का प्रसाद बनाती हैं. छठ में अर्घ्य देने की जब बात करें तो जो दौरा अर्घ्य के लिए जाता है. उसमें सभी सीजनल फल होते हैं. लेकिन मूलतः नारियल, संतरा, अनानास, गन्ना, ठेकुआ, खजूर इत्यादि रहते हैं.

अमृता सिन्हा ने बताया कि उन्होंने जो भी छठ के गीत गाए हैं, वह सब उनके यूट्यूब चैनल सुर भूमि पर उपलब्ध है. श्रोता उनके चैनल पर जाकर सभी गानों को सुन सकते हैं. उन्होंने कहा कि छठ पर्व के समय जो गाने सुनाई देते हैं उससे वातावरण में एक अलग सकारात्मक ऊर्जा का संचरण होता है और यह लोगों को काफी आत्मिक बल देता है.

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