पटना: छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. शाम को बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है, जिसके बाद व्रति अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देती हैं.
तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल पष्ठी को दिन में छठ प्रसाद बनाया जाता है. इस दिन प्रसाद को रुप में ठेकुआ और चावल के लड्डू बनाए जाते है. इसके अलावा चढ़ावे के रूप में लाया गया सांचा और फल भी छठ प्रसाद के रूप में शामिल होता है.
शाम को पूरी तैयारी के साथ बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रती के साथ परिवार और पड़ोसी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट पर जाते हैं. सभी छठव्रती एक साथ तलाब या नदी के किनारे इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न करते हैं. सूर्य को दूध और अर्घ्य का जल दिया जाता है. इसके बाद छठ मैया की भरे सूप से पूजा की जाती है.
छठ पूजा तिथि व मुहूर्त
छठ के पर्व के प्रथम अर्घ्य पर सूर्यास्त का समय 4:57 बजे है. प्रथम अर्घ्य के बाद अगले दिन यानी शनिवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. सूर्योदय का संभावित समय 6: 03 बजे है. उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व 2020 संपन्न हो जाएगा.
प्रमुख शहरों में सूर्यास्त और सूर्योदय का समय
शहर | सूर्यास्त | सूर्योदय |
पटना | 04:59 | 06:11 |
गया | 05:02 | 06:11 |
मोतिहारी | 04:58 | 06:14 |
भागलपुर | 04:53 | 06:03 |
पूर्णिया | 04:50 | 06:02 |
किशनगंज | 04:47 | 06:01 |
मुंगेर | 04:54 | 06:06 |
बेतिया | 05:00 | 06: 16 |