बिहार

bihar

ETV Bharat / state

'सरकार में बैठे लोग ही बता रहे हैं शराबबंदी की सच्चाई, मुख्यमंत्री को देना चाहिए इस्तीफा'

शराबबंदी पर मांझी के बयान को लेकर लोजपा नेता चंदन सिंह ने प्रतिक्रिया (Chandan Singh On Manjhi Statement) दी है. उन्होंने कहा जीतन राम मांझी के बयान के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

चंदन सिंह, लोजपा प्रवक्ता
चंदन सिंह, लोजपा प्रवक्ता

By

Published : Dec 16, 2021, 3:58 PM IST

पटनाः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Manjhi Statement Regarding Liquor Ban) ने बुधवार को बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर बड़ा बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में जज और आईएस अधिकारी भी शराबबन्दी में शराब पीते हैं. थोड़ा बहुत शराब पीना ठीक है. इसको लेकर लोजपा(आर) के प्रवक्ता चंदन सिंह ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग ही इस तरह की बात करते हैं तो अब मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देना ही चाहिए.

ये भी पढ़ेंःजीतनराम मांझी फिर बोले- शराबबंदी कानून में कई खामियां, बदलाव की है जरूरत

चंदन सिंह ने कहा कि शराबबंदी में इस तरह की बात एनडीए घटक दल के नेता ही बोल रहे हैं कि अधिकारी शराब पीते हैं. तो मुख्यमंत्री को इसकी जांच करानी चाहिए. आखिर बिहार में ये हो क्या रहा है. जीतन राम मांझी साफ-साफ यह कहते नजर आ रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से फेल है. दूसरी तरफ मांझी यह भी कह रहे हैं कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए.

देखें वीडियो

'इन सब बातों को लेकर मुख्यमंत्री खुद स्थितियां स्पष्ट करें. अगर नीतीश कुमार इन सब बातों को मानते हैं कि बिहार में शराबबंदी कानून फेल है. अधिकारी, जज और डॉक्टर खुलेआम दारू पी रहे हैं तो निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री को मांझी के इस बयान के बाद इस्तीफा दे देनी चाहिए'- चंदन सिंह, प्रवक्ता, लोजपा(आर)

ये भी पढ़ें-मांझी को JDU की सलाह, शराबबंदी पर कुछ कहना है तो CM से मिलकर कहें

दरअसल इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर में हम के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जीतन राम मांझी ने शराबबंदी पर अपनी राय रखी थी. जहां उन्होंने कहा था कि वे इस कानून के पक्षधर हैं. लेकिन इस कानून में कई खामियां हैं. इनको दूर किया जाना चाहिए.

जीतनराम मांझी ने कहा कि आदिवासियों द्वारा उनके कूल देवता की पूजा में शराब चढ़ाने की परंपरा है. ऐसे में शराबबंदी कानून कहां से सफल हो पाएगा. कानून में संशोधन की जरूरत है. ताकि कम मात्रा में शराब पीने वाले जेल न जाएं. मांझी ने यहां तक कहा थी कि बड़े-बड़े आईएएस अधिकारी और यहां तक कि जज भी रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं. ऐसी ही व्यवस्था आम लोगों के लिए भी होनी चाहिए.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details