बिहार

bihar

ETV Bharat / state

नीतीश कुमार ने ललन सिंह को JDU अध्यक्ष बनाकर दी BJP को चुनौती! - बिहार न्यूज

ललन सिंह (Lalan Singh) को जेडीयू अध्यक्ष बनाकर नीतीश कुमार ने सवर्ण कार्ड खेला है. इससे एक ओर जहां नाराज भूमिहार मतदाता को वापस अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है, वहीं उनके इस दांव से आने वाले दिनों में बीजेपी का खेल बिगड़ सकता है.

ललन सिंह
ललन सिंह

By

Published : Aug 1, 2021, 4:12 PM IST

पटना: बिहार में जातिगत राजनीति, राजनीतिक दलों का भविष्य तय करती है. बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) लंबे समय से साथ-साथ हैं. दोनों दलों ने जातिगत आधार पर वोट शेयर का बंटवारा भी किए हुए है, लेकिन ललन सिंह (Lalan Singh) को अध्यक्ष बनाकर नीतीश कुमार(Nitish Kumar) ने बीजेपी के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है.

ये भी पढ़ें- जदयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का रूख तय करेगा एनडीए गठबंधन का भविष्य

बीजेपी और जेडीयू के बीच जातिगत वोट बैंक को लेकर 'करार' है. अगड़ी जाति की राजनीति जहां बीजेपी के खाते में है, वहीं अत्यंत पिछड़ा, कोइरी और कुर्मी जाति की राजनीति जेडीयू के हिस्से में है. टिकट बंटवारा और मंत्रिमंडल विस्तार के समय भी दोनों दल इसका ख्याल रखते हैं.

ललन सिंह जिस (भूमिहार) जाति से आते हैं, उसकी राजनीति और हिस्सेदारी का जिम्मा बीजेपी का है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने 14 भूमिहार प्रत्याशियों को टिकट दिया, जिसमें 8 की जीत हुई. वहीं जेडीयू ने 8 भूमिहार उम्मीदवारों को टिकट दिया, जिसमें 5 की जीत हुई. हम पार्टी ने एक को मैदान में उतारा और वो जीते भी.

ये भी पढ़ें- अध्यक्ष बनने पर बोले ललनः पांच राज्यों में पार्टी लड़ेगी चुनाव, साथ छोड़कर गए कार्यकर्ताओं की होगी घर वापसी

महागठबंधन में छह भूमिहार विधायक चुनाव जीते हैं. कांग्रेस पार्टी ने 11 को टिकट दिए, जिसमें 4 जीते. 2015 में 17 भूमिहार जाति के विधायक विधानसभा पहुंचे थे. 2015 में बीजेपी से 9 और जेडीयू से 4 और कांग्रेस से 4 भूमिहार जाति के विधायक विधानसभा पहुंचे थे.

भूमिहार जाति राजनीतिक तौर पर जागरूक है और चुनाव में राजनीतिक दलों का भविष्य भी तय करती है. नीतीश कुमार से विधानसभा चुनाव के दौरान भूमिहार जाति के लोग नाराज हुए और गया-जहानाबाद इलाके से जेडीयू का एक तरीके से सूपड़ा साफ हो गया. आलम ये हुआ कि पार्टी 43 सीटों पर सिमट गई. ज्यादातर सीटों पर चिराग पासवान के कैंडिडेट को लोगों ने वोट किया.

ये भी पढ़ें- बोले उपेन्द्र कुशवाहा- 'नीतीश बन सकते हैं प्रधानमंत्री, उनमें PM बनने की सारी योग्यता'

अपने खोए जनाधार को हासिल करने के लिए नीतीश कुमार ने रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया और संसदीय दल के नेता ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है. पार्टी को उम्मीद है कि ललन सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जेडीयू को लेकर जो उनका गुस्सा था, वह कम होगा. इधर ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद बीजेपी खेमे में बेचैनी है. पार्टी के नेता बधाई तो दे रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बात का डर भी सता रहा है कि उनके पक्ष में मजबूती से खड़ा होने वाला वोटर अगर खिसक गया तो पार्टी का जनाधार कमजोर पड़ सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details