पटना/नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की ओर से भगवान राम (Lord Ram) के अस्तित्व पर सवाल उठाने के बाद बिहार की राजनीति (Bihar Politics) गरमा गई है. बीजेपी (BJP) समेत अन्य दलों ने जहां कड़ा ऐतराज जताया है, वहीं अब देशभर के हिंदू संगठन भी उनके बयान पर नाराजगी जता रहे हैं. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि पूर्व सीएम मांझी द्वारा भगवान श्री राम के अस्तित्व को अस्वीकार करना निंदनीय है. जीतन राम मांझी को श्री राम भक्त हिंदुओं से तुरंत माफी मांगनी चाहिए.
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स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि जीतन राम मांझी ने जिस तरह से भगवान राम के अस्तिव को नकारने का पाप किया है, वो काफी निंदनीय है. मैं उन्हें काफी सम्मान देता हूं, लेकिन उन्होंने हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. राम भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचायी है. हिन्दू समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.
'एक बार कांग्रेस ने भी भगवान राम के अस्तित्व को नकारा था. कांग्रेस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर भगवान राम को काल्पनिक चरित्र बताया था. आज कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. मांझी को ये समझना चाहिए कि जो अपने अस्तित्व को नहीं बचाना चाहता है वह भगवान राम पर अपनी टिप्पणी करे. जो भगवान राम का नहीं, वह किसी का नहीं है. इस देश में रहना है तो भगवान राम का सम्मान करना होगा. जीतन राम मांझी खुद एक हिंदू होते हुए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.':-स्वामी चक्रपाणि महाराज, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय हिंदू महासभा