पटना: चैत्र नवरात्रि के 8वें दिन मां के महागौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जा रही है.नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है. महाअष्टमी का महत्व बहुत ज्यादा होता है. इस दिन कन्या को पूजा जाता है. मां महागौरी का अद्भुत रूप अति मनभावन होता है. इनका रंग गोरा है. मां की चार भुजाएं हैं. महागौरी की सवारी बैल है. मां का स्वभाव शांत है. महाअष्टमी को दुर्गाष्टमी भी कहते हैं. बहुत से श्रद्धालु इस दिन कुल देवी की पूजा के बाद कन्या पूजा करते हैं. माना जाता है कि मां महागौरी का संबंध शुक्र से है. शुक्र ग्रह से संबंधित होने के कारण मां की आराधना से वैवाहिक जीवन बेहतर होता है और सुख शांति की प्राप्ति होती है.
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इस मुहूर्त में करें आज पूजा: चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 28 मार्च 2023 को रात 07.02 बजे से शुरू हो चुका है और 29 मार्च 2023 रात 09.07 बजे तक पूजा करने का शुभ मुहूर्त है. ऐसे तो महाअष्टमी को दिन भर पूजा किया जा सकता है लेकिन संधि काल की पूजा को सबसे उत्तम माना गया है.
ऐसे करें महागौरी की पूजा: महागौरी की पूजा के दौरान सफेद वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है. घर की छत पर झंडा लगाना भी अच्छा माना जाता है. ध्वज का रंग लाल होना और अच्छा माना जाता है. मां महागौरी को चंदन, रोली,मोली, अक्षत और फूल अर्पित करें. मां को मोगरे का फूल अति प्रिय होता है. माता को नारियल का प्रसाद भी अति प्रिय होता है इसलिए इस दिन मां को नारियल के बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए. माता की आराधना के बाद कन्या का पूजन किया जाता है. 9, 11,21 क्षमतानुसार कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें दान भी दें. संधि काल में मां महागौरी की पूजा अति लाभदायक होता है.
इन बातों का भी रखें ख्याल: सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें. मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं. मां महागौरी को काले चने का भोग जरूर लगाना चाहिए. मां महागौरी का ध्यान करें. महागौरी की आरती भी करें.