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12 सूर्य मंदिरों में से एक उलार सूर्य मंदिर पर भी लगा 'कोरोना ग्रहण', नहीं मनाया जाएगा चैती छठ - Chaiti Chhath

28 मार्च को शुरू हो रहे चैती छठ पर्व को पटना के ऐतिहासिक उलार सूर्य मंदिर में नहीं मनाया जाएगा. प्रशासन ने कोरोना वायरस को लेकर ऐसे दिशा निर्देश जारी किये हैं.

उलार सूर्य मंदिर
उलार सूर्य मंदिर

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Published : Mar 21, 2020, 8:04 PM IST

पटना: कोरोना वायरस के चलते सार्वजनिक स्थानों पर पाबंदी लगा दी गई है. वहीं, धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं के आने-जाने पर रोक लगाई गई है. दूसरी तरफ बिहार में चैत्र महीने के शुरू होते ही चैती छठ पर्व मनाया जाता है. इस पर्व को लेकर देश के 12 सूर्य मंदिरों में से एक पटना के उलार सूर्य मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है. लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार मेले को और आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.

यही नहीं, एसडीओ सुरेंद्र कुमार ने उलार सूर्य मंदिर के पट बंद करने का निर्देश दिया है. वहीं मेला संचालक को भी मेला लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस बाबत, चेतावनी भी दी गई है कि अगर कोई निर्देश के खिलाफ जाएगा, तो उनके खिलाफ कानूनी करवाई किया जाएगी.

दिनेश शर्मा की रिपोर्ट

नहीं मनाया जाएगा छठ
चैती छठ पर्व 28 मार्च को नहाय खाय से प्रारम्भ होने जा रहा है, जो 31 मार्च को पारण के साथ समाप्त होगा. इससे पहले छठ व्रतियों की सुरक्षा सहित प्रसाधन मुहैया कराने के लिए पन्द्रह दिन पहले से तैयारी की जाती थी. लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस को देखते हुये पालीगंज अनुमंडल प्रशासन और मंदिर विकास समिति के सदस्यों ने बैठक कर निर्णय लिया कि इस चैती छठ व्रत को उलार सूर्य मंदिर में नहीं मनाया जाएगा.

  • प्रशासन और मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि अपने-अपने गांव के तालाब में भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करें.

क्या कहते हैं मंदिर के मंहत
उलार सूर्य मंदिर के महंत श्री अवध बिहारी दास ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि विश्वभर में कोरोना वायरस से जो महामारी उत्पन हुई है. उसको देखते हुए प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इस चैती छठ व्रत को उलार धाम पर नहीं मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जो श्रद्धालु यहां छठ व्रत करने आएंगे, उन्हें समझाया जएगा कि कोरोना से बचाव को लेकर यह निर्णय लिया गया है. इसके बाद भी जो श्रद्धालु आस्था मानकर व्रत यहां करेंगे. उन्हें मंदिर प्रबंधन की ओर से सुरक्षा और सुविधा दोनों मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा.

विराजमान हैं भगवान भास्कर

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ऐतिहासिक है उलार का सूर्य मंदिर
देश के 12 प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में से एक उलार सूर्य मंदिर पटना के दुल्हिनबजार प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर दक्षिण एसएच-2 मुख्यालय पथ पर स्थित है. देश के 12 आर्क स्थलों में कोणार्क और देवार्क (बिहार का देव) के बाद उलार (उलार्क) भगवान भास्कर की सबसे बड़े तीसरे सूर्य आर्क स्थल के रूप में जाना जाता है. भक्ति और आस्था का ऐतिहासिक केंद्र उलार सूर्य मंदिर का संबंध द्वापर युग से बताया जाता है.

इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. वहीं, उलारधाम में कार्तिक माह और चैत माह में छठ व्रत के अवसर पर लाखों श्रद्धालु भगवान भास्कर के अर्घ्य अर्पित करते हैं. उलार धाम मंदिर के आगे एक बहुत बड़ा चमत्कारी तालाब है, जिसमें नहाने से कुष्ट रोग-चर्म रोग से ग्रसित लोगों को छुटकारा मिलता है.

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