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पटना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले चार मॉड्यूलर e-toilet की हुई शुरुआत, जानें इस्तेमाल का तरीका

पटना स्मार्ट सिटी परियोजना के सीईओ मोहम्मद शमशाद ने ई-टॉयलेट (Use of e toilet in patna) के बारे में जानकारी दी. इसका उपयोग कैसे करें इस बात की जानकारी दी गई. अभी तक कुल 4 ई-टॉयलेट को शुरू किया गया. पढ़ें पूरी खबर..

पटना स्मार्ट सिटी परियोजना
पटना स्मार्ट सिटी परियोजना

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Published : Jun 26, 2022, 3:12 PM IST

पटना:पटना स्मार्ट सिटी परियोजना (Patna smart city )के तहत शहर के 16 स्थानों पर 42 मॉड्यूलर ई-टॉयलेट तैयार किये गये. इनमें से कुछ टॉयलेट्स बनकर तैयार हो गये हैं. इन ई-टॉयलेट की शुरुआत पटना स्मार्ट सिटी निर्माण के तहत की गई है. गांधी मैदान के गेट नंबर 4 के पास दो मॉड्यूलर ई-टॉयलेट और एएन कॉलेज के पास दो मॉड्यूलर टॉयलेट की शुरुआत की हो चुकी है. दोनों जगह पर मॉड्यूलर ई टॉयलेट में एक महिला और एक पुरुषों के लिए शुरु की गई है. यह मॉड्यूलर ई टॉयलेट हाईटेक टेक्नोलॉजी के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस है. स्मार्ट सिटी द्वारा शहर के 42 स्थानों पर 4.33 करोड़ रुपए की लागत से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ई टॉयलेट लगाए जा रहे हैं.

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ई टॉयलेट का डेमोंसट्रेशन कर बताया कैसे उपयोग करें:पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ मोहम्मद शमशाद ने गांधी मैदान के गेट नंबर 4 के पास बने मॉड्यूलर ई टॉयलेट का डेमोंसट्रेशन दिखाते हुए कहा कि मेसर्स ईरम साइंटिफिक सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को इस परियोजना के क्रियान्वयन का जिम्मा मिला हुआ है, और यह मॉड्यूलर( e-toilet stainless-steel) से निर्मित प्रीफैबरीकेटेड मॉड्यूलर शौचालय है. अगले 4 साल तक के लिए इसके मेंटेनेंस का जिम्मा इसी कंपनी के पास है. इस हाईटेक e-toilet के उपर 300 लीटर क्षमता का पानी टंकी इंस्टॉल किया गया है. इसमें ऑटोमेटिक फ्लशिंग सेंसर, वॉइस असिस्टेंट, पंखा, सीलिंग लाइट, पावर बैकअप इत्यादि की सुविधाएं मौजूद हैं. इस ई टॉयलेट को पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इस पर विज्ञापन के लिए पैनल का भी प्रावधान है, ताकि सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति हो सके.


ई-टॉयलेट के बारे में जानकारी को गेट पर चस्पा किया गया: बता दें, स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ मोहम्मद शमशाद ने बताया कि यह टॉयलेट कैसे काम करता है, इसका डेमोंसट्रेशन लिखित रूप में टॉयलेट के गेट पर दर्शाया गया है. टॉयलेट के बांए साइड लाइट जलते रहता है, यदि लाल रंग का लाइट जल रहा है तो अंदर कोई व्यक्ति है और यदि हरे रंग का सिग्नल है तो समझ जाइए कि यह टॉयलेट खाली है. जब हरे रंग का लाइट जल रहा हो तो ठीक उसके नीचे सिक्का डालने का एक बॉक्स है, जिसमें ₹2 से लेकर ₹5 तक का सिक्का डाला जा सकता है. सिक्का डालने के बाद सेंसर काम करेगा और फिर गेट खुल जाएगा. गेट खुलने के बाद आदमी जैसे अंदर जाएगा ऑटोमेटिक प्लस होगा इसके साथ ही मैनुअल प्लस की भी व्यवस्था है.

जैसे ही कोई व्यक्ति गेट से अंदर जाता है और गेट बंद करता है, उसके बाद एग्जॉस्ट फैन और लाइट ऑन हो जाता है. शौचालय के अंदर प्रवेश करने से पहले ही कई प्रकार के इंडिकेटर लगे हुए हैं, जिससे यह पता चलता है कि शौचालय में पानी कितना है. 5 बार टॉयलेट के इस्तेमाल करने के बाद टॉयलेट का फ्लोर ऑटोमेटिक तकनीक से फ्लश होगा और पूरी तरह से साफ हो जाएगा. इसमें वॉइस ओवर के माध्यम से भी लोगों को इसके इस्तेमाल की जानकारी दी जाती है.


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पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ मोहम्मद शमशाद ने बताया कि अभी शुरुआती चरण में चार e-toilet की शुरूआत (4 e toilet started in Patna) की गई है, ताकि लोग सही तरीके से समझ जाएं कि यह टॉयलेट कैसे काम करता है. विगत 10 दिनों के अंदर 7 और ई-टॉयलेट की शुरुआत की जाएगी. इसके बाद बचे हुए टॉयलेट को अगले 2 महीने के अंदर कुल 42 ई टॉयलेट को पटना के लोगों के लिए सुचारू रूप से शुरु कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी भी लोगों में थोड़ी जागरुकता की कमी है. लोग कभी कभी गेट को खोलने और बंद करने के चक्कर में कई बार तेजी से इधर-उधर कुंडी घुमाते हैं. जिससे गेट का लॉक डैमेज हो जाता है. लेकिन जैसे-जैसे लोगों में इसके उपयोग की समझ आएगी इसका मेंटेनेंस आसान हो जाएगा.

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