पटना: 7 फरवरी को बिहार विधानसभाके 100 साल पूरे हो रहे हैं. इसको लेकर खास तैयारियां की जा रही है. विधानसभा को सजाने का काम चल रहा है. साथ ही रंगीन बल्बों से सजाया जा रहा है.
विधानसभा में 7 फरवरी 1921 को हुई थी पहली बैठक
100 साल पहले 7 फरवरी 1921 में सर वाल्ट मोरे की अध्यक्षता में नवगठित बिहार एवं उड़ीसा प्रांतीय परिषद की पहली बैठक संपन्न हुई थी. प्रथम राज्यपाल लार्ड सत्येंद्र प्रश्नों सिन्हा ने 7 फरवरी 1921 को यहां अपना पहला अभिभाषण दिया था. विधानसभासे शराबबंदी को लेकर सर्व समिति प्रस्ताव पारित कराए गए हैं. 243 विधायकों ने पहली बार शराबबंदी को सफल बनाने के लिए शपथ ली. इसी तरह जल जीवन हरियाली अभियान को लेकर भी सर्वसम्मति प्रस्ताव बना और उससे पहले विशेष दर्जे को लेकर भी सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित हो चुका है.
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विधानसभा ने कई ऐतिहासिक फैसला भी लिया है
विधानसभा का 100 साल कई बड़े फैसलों के लिए भी जाना जाता रहा है. 1950 में भूमि सुधार कानून को पास कराया गया. बाद में नौवीं अनुसूची में शामिल किया गया और विधानसभा के लिए गौरव की बात इसलिए है कि यह ऐसा कानून था जिससे उत्पन्न स्थिति के लिए संसद से पहला संविधान संशोधन विधेयक पारित किया गया. इसी तरह कई विधायक विधानसभा से पास हुए हैं. कई सर्वसम्मति प्रस्ताव भी पारित हुए हैं. तो 7 फरवरी का दिन बिहार के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा दिन है.
कार्यक्रम की तैयारियां
विधानसभा के मुख्य भवन को तो सजाया जा ही रहा है. पूरे परिसर को भी संवारा जा रहा है. कार्यक्रम सफल रहे इसके लिए लगातार बैठक भी विधानसभा अध्यक्ष कर रहे हैं. पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी और विधानसभा के 100 साल पूरा होने को लेकर उनसे भी चर्चा की थी.