पटना: चंपारण सत्याग्रह के प्रणेता और सत्याग्रह के लिए जमीन तैयार करने और महात्मा गांधी को 1919 में किसानों के आंदोलन के लिए चंपारण बुलाने वाले पंडित राजकुमार शुक्ला की 144वीं जयंती पटना म्यूजियम के सभागार में मनाई गई. इस कार्यक्रम में पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार और बिहार के एमएलसी केदारनाथ पांडे मौजूद रहे. यह कार्यक्रम बिहार पुराविद परिषद एवं पंडित राजकुमार शुक्ला स्मारक न्यास के ओर से मनाई गई.
पटना: महात्मा गांधी को चंपारण बुलाने वाले पंडित राजकुमार शुक्ला की मनाई गई जयंती
बिहार पुराविद् परिषद और पंडित राजकुमार शुक्ल स्मारक न्यास समिति के तत्वावधान में पंडित राजकुमार शुक्ला की 144वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. जयंती समारोह पटना म्यूजियम के सभागार में मनाया गया.
'गांधी को महात्मा गांधी बनाने का श्रेय'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि आजादी के बाद की सरकारों ने स्वतंत्रता सेनानियों को उचित सम्मान नहीं दिया. और उनके योगदान को देश को बताने में कहीं ना कहीं चूक की है. साथ ही उन्होंने कहा कि आज जब महात्मा गांधी की 144वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, तब लोग पंडित राजकुमार शुक्ल को याद कर रहे हैं. जबकि गांधी को महात्मा गांधी बनाने का श्रेय पंडित राजकुमार शुक्ल को ही जाता है जिसका ऐतिहासिक प्रमाण भी है. नीरज कुमार ने एक किस्सा भी सुनाया कि किस तरह सचिवालय पर 1942 में झंडा फहराने वाले सदस्यों को जीवन के अंत में उपेक्षा का शिकार होना पड़ा. उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानी देश के लिए जिए और उन्होंने कभी अपनी पहचान दुनिया को बताने का प्रयास नहीं किया.
'भारत के इतिहास को बदल दिया'
बिहार सरकार में पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि गांधी जी चंपारण में मोहनदास करमचंद गांधी बन कर आये और जब वह यहां से लौटे तब महात्मा गांधी बनकर लौटे. राजकुमार शुक्ला महान व्यक्ति थे और उन्होंने भारत के इतिहास को बदल दिया. महात्मा गांधी अफ्रीका में तो अंग्रेजो के खिलाफ लड़ चुके थे, लेकिन भारत के सामाजिक आंदोलनों किसानों के आंदोलन गरीबों के आंदोलन की और उन्हें जोड़ने का श्रेय पंडित राजकुमार शुक्ला को ही जाता है.