पटना: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड राजनीतिक लीपापोती की भेंट चढ़ेगा. इसकी सियासी पटकथा लिख दी गई है. जिस केस के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया पर पाबंदी लगा दी, चैनलों पर रोक लगा दी. उसकी जांच राजनीति की मंडी में समझौते की भेंट चढ़ रही है. देशभर में अमानवीय कृत्य के सबसे घृणित स्वरूप का जो मामला इस शेल्टर होम से उठा था और उसकी जांच जिस दिशा में चली थी. क्या वह अब अपने अंजाम तक पहुंचेगा? सवाल उठने लगे हैं.
देशभर में सुर्खियां बटोरने वाले मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस पर एक बार फिर से बिहार में सियासत शुरू हो गई है. बिहार की सबसे बड़ी क्षेत्रीय पार्टी राजद समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के तबादले को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं. आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच विपक्ष के नेताओं ने नीतीश सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है.
चर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जहां बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा और उनका राजनीतिक करियर पूरी तरह खत्म हो गया. हालांकि, कुछ दिन जेल में रहने वाली मंजू देवी बेल पर रिहा हैं. वहीं, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत कुल 21 लोग न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई की तरफ से इन सभी के ऊपर चार्जशीट दायर की गई है. ऐसे में जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों के तबादले पर बिहार के राजनीतिक गलियारों ने केंद्र से लेकर बिहार सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
24 पदाधिकारियों का तबादला
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया गया था और सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में जांच की कार्रवाई चल रही है. हाल में ही जांच टीम के 24 पदाधिकारियों का तबादला कर दिया गया है.
मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर (फाइल फोटो) राजद ने साधा निशाना
राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच की कार्रवाई चल रही है. ऐसे में अगर जांच अधिकारियों का तबादला होता है, तो इसे सुप्रीम कोर्ट को गंभीरता से लेना चाहिए. राजद उपाध्यक्ष ने कहा कि मामले के मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करीबी संबंध थे. लिहाजा, सुप्रीम कोर्ट से लोगों को न्याय की उम्मीद है.
इससे पहले पार्टी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. आरजेडी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के साथ साथ बिहार भर के शेल्टर होम में बच्चियों को नोंच नोंच खाने वाले गिद्ध आज खुद को कबूतर बता रहे हैं! जदयू के भ्रष्ट कबूतर और भाजपा के दंगाई कबूतरी के चुनावी गुटरगूं से बच्चियों की कराह की आवाज नहीं दबेगी दुःशासन बाबू'
एक अन्य ट्वीट में आरजेडी ने लिखा,'34 बच्चियों के साथ हुए मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड की जांच कर रहे CBI अधिकारियों का कोर्ट के आदेश के बावजूद तबादला कर दिया. पहले भी अधिकारियों का तबादला किया गया था. लेकिन कोर्ट के फटकार के बाद आदेश को रद्द किया गया था. CM नीतीश किसे बचाना चाह रहे है?'
'ब्रजेश ठाकुर को बचाने का प्रयास'
पूरे मामले पर पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, 'नीतीश कुमार बताए, किस दरिंदे के इशारे पर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड में 34 बच्चियों का सामूहिक बलात्कार करने वाले राक्षसों को बचाने के लिए कोर्ट के आदेश की अवेहलना करते हुए सीबीआई तबादला कर रही है? CM मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बचाने के लिए प्रयासरत है'
पूर्व सीएम राबड़ी देवी का ट्वीट केंद्र सरकार से हुआ समझौता-हम
सीबीआई अधिकारियों के तबादले को लेकर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से समझौता कर लिया है. कई संवेदनशील मुद्दों पर नीतीश कुमार अपने स्टैंड से बिफर रहे हैं. यही वजह है कि नागरिकता कानून का नीतीश कुमार के सांसदों ने सदन में सपोर्ट किया. क्योंकि वो जानते हैं कि अगर वो केंद्र सरकार का विरोध करेंगे, तो उनकी पार्टी के कई नेता मंत्री मुजफ्फरपुर मामले में फंस सकते हैं. दानिश ने साफ तौर पर इशारा करते हुए कहा कि एक समझौते के तहत ये हुआ. जदयू ने सीएए का सपोर्ट किया, उधर केंद्र सरकार ने कोर्ट के फैसले से इतर सीबीआई अधिकारियों का तबादला करा दिया.
जदयू ने दी सफाई
पूरे मामले पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने सफाई देते हुए कहा कि ये तबादला रूटीन वर्क के तहत हुआ है. सभी विभागों का रूटीन वर्क होता है. लंबे समय से एक अधिकारी अगर एक ही जगह पर कार्यरत होता है, तो उसका ट्रांसफर जरूर किया जाता है. इसपर राजनीति करने का कोई मतलब नहीं होता है.
- फिलहाल, विपक्ष सीधा सवाल कर रहा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सीबीआई अधिकारियों के ट्रांसफर कैसे हो गए?
जब हुआ हरप्रीत कौर का तबादला
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जांच कर रहे अधिकारियों के तबादला होना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले ब्रजेश ठाकुर को जेल भिजवाने में अहम भूमिका निभाने वाली मुजफ्फरपुर की तत्कालीन एसएसपी हरप्रीत कौर का भी तबादला कर दिया गया था. उस समय हुए तबादले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को राजनीतिक, सामाजिक और नैतिक भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह बताया था.
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा था, 'मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 लड़कियों के संस्थागत बलात्कार के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को जेल की सलाखों में डालने वाली जिला एसएसपी हरप्रीत कौर का नीतीश कुमार ने तबादला कर दिया है. क्योंकि नीतीश जी के दुलारे-प्यारे, लाडले ब्रजेश को जेल में हरप्रीत जी ने ही डाला था.
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला...
- मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज़ (टीआईएसएस) की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह से 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था.
- इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं. पुलिस पूछताछ में पीड़िताओं ने यह जानकारी दी.
- वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये लड़कियां गायब हुई थीं.
- इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराई.
- पहले तो मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई.
- गायब हुई लड़कियों का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं था.
- पूरा मामला सीबीआई के पास पहुंचा.
- सीबीआई जांच में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.
- सीबीआई जांच में शेल्टर परिसर में हड्डियां बरामद की गईं.
- इस मामले में ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों पर सीबीआई ने जार्जशीट दायर की है.
- मामले पर पहले पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की. इसके बाद मामला दिल्ली के साकेत कोर्ट पहुंचा.
- पूरे मामले में लगातार सुनवाई जारी है.