पटना : नीतीश कुमार त्रुटि मुक्त यानी एरर फ्रीजाति आधारित गणना (error free caste based enumeration) कराना चाहती है. LJPR के प्रदेश प्रवक्ता प्रोफेसर डॉ विनीत सिंह ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते कहा कि बिहार में नीतीश कुमार द्वारा लागू जातीय गणना स्वागत योग्य है. हालांकि इसके क्रियान्वयन को लेकर मन में शक पैदा करता है कि कहीं यह भी नीतीश कुमार जी के बाकी निश्चयों जैसा भ्रष्टाचार की भेट न चढ़ जाए.
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अहंकार में डूबे हैं नीतीश कुमार :नीतीश कुमार को जातीय जनगणना शुरू करने से पहले एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी दलों से राय मशवरा लेना चाहिए था, लेकिन अहंकारवश उन्होंने ऐसा नहीं किया. प्रो विनीत सिंह बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए प्रश्न करते हैं कि जिस तरह से गणना में शिक्षकों को लगाया गया है, वह कहां तक सही है? शिक्षकगण सुबह से शाम 4:00 बजे तक क्लास लें और उसके बाद गणना का काम, गणना के गुणवत्ता को प्रभावित करेगा.
प्रदेश प्रवक्ता प्रोफेसर डॉ विनीत सिंह सर्वदलीय बैठक बुलाकर मशवरा करें सीएम :बिहार में नीतीश कुमार द्वारा लागू जातीय गणना स्वागत योग्य है. प्रदेश प्रवक्ता प्रोफेसर डॉ विनीत सिंह ने कहा कि इसके समर्थन में लोजपा (रामविलास) भी है पर एक तरफ शिक्षक कक्षा में बच्चों को जात-पात ना करने की सीख देते हैं और वहीं शाम को उन बच्चों से उनकी जाती पूछते नजर आएंगे जो अनुचित है. उन्होंने सरकार और नीतीश कुमार को आश्वासन देते हुए कहा कि अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है अभी भी उन्हें सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी दलों के नेताओं से राय मशवरा लेना चाहिए. ताकि बिहार में की जा रही जाति जनगणना का गुणवत्ता बना रहे.
बता दें कि राज्यभर में जातीय जनगणना की शुरुआत हो चुकी है. हालांकि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गयी है. 13 जनवरी को इसपर सुनवाई की जाएगी.