पटना:बिहार में एनडीए की सरकार थी, उसी समय नीतीश मंत्रिमंडल ने 2 जून को जाति आधारित गणना (Caste Census In Bihar) करने का फैसला लिया था. इसको लेकर कैबिनेट से 500 करोड़ की राशि स्वीकृत भी की गई थी. 4 महीना से अधिक हो चुके हैं और इस बीच बिहार में सरकार भी बदल गई है. बिहार में अभी नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार है, जिसमें तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन जातीय गणना अब तक शुरू नहीं हुई है.
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जातीय जनगणना में हो रही देरी: जून में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि 1 महीने की तैयारी के बाद जातीय गणना शुरू हो जाएगी, अबतक 4 महीने से अधिक हो गए हैं, लेकिन जनगणना शुरू नहीं हुई है. सरकार ने 2023 के फरवरी में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन एप और वेबसाइट तैयार नहीं होने के कारण जातीय गणना शुरू नहीं हो पाई है . अब ये काम कैसे पूरा होगा यह एक बड़ा सवाल है.
केंद्र ने दी थी छूट: बिहार में 2021 में जातीय जनगणना को लेकर सियासत शुरू हुई थी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी दलों का शिष्टमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था और जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. इससे पहले बिहार विधानसभा से भी 2019 और 2020 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराकर राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा था, लेकिन केंद्र सरकार ने देश स्तर पर जातीय जनगणना करने से इंकार कर दिया लेकिन बिहार को जातीय गणना करने की छूट दे दी थी.
जातीय गणना को लेकर सियासत: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर जमकर सियासत हुआ, तेजस्वी यादव की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जातीय गणना में हो रहे विलंब पर निशाना भी साधा जाता रहा. तेजस्वी यादव ने यह बयान भी दिया कि मेरी शादी भी हो गई लेकिन जातीय जनगणना को लेकर अब तक सर्वदलीय बैठक नहीं हुई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सर्वदलीय बैठक कर जातीय जनगणना पर फैसला लेंगे.
कैबिनेट बैठक में लिया गया था फैसला: 1 जून को सर्वदलीय बैठक सीएम सचिवालय संवाद में की गई और जातीय जनगणना कराने पर फैसला हुआ. 1 दिन बाद 2 जून को नीतीश मंत्रिमंडल ने कैबिनेट से भी जातीय गणना कराने की मुहर लगा दी और 500 की राशि भी स्वीकृत कर दी. कैबिनेट में मुहर लगे 4 महीने से अधिक हो चुके हैं और इस बीच सरकार ही बदल गई है लेकिन अब तक जातीय गणना शुरू नहीं हुआ है.
सामान्य प्रशासन विभाग को मिली है जिम्मेवारी: सामान्य प्रशासन विभाग जातीय गणना को लेकर नोडल विभाग है और यह विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है. सरकार ने सभी डीएम को जिलों का नोडल पदाधिकारी बनाया है. इसके साथ सरकार ने 204 जातियों की गिनती करने का फैसला लिया है, जिसमें सामान्य वर्ग से 7, एससी वर्ग से 22, एसटी वर्ग के 32, पिछड़ा वर्ग के 30 और अत्यंत पिछड़ा वर्ग से 113 जातियां शामिल हैं. हालांकि, जातीय गणना होने के बाद जातियों की संख्या अधिक होने की संभावना भी जताई जा रही है.
गणना के लिए बनेगा एप और वेबसाइट: जातीय गणना के लिए सरकार ने एक ऐप और वेबसाइट बनाने का फैसला लिया है. यह काम बेल्ट्रॉन को दिया गया है लेकिन अभी तक सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार टेंडर जारी नहीं हुआ है. हालांकि, इसका डीपीआर तैयार हो गया है. टेंडर जारी होने के बाद संबंधित कंपनी-एजेंसी को जिम्मेवारी दी जाएगी. लेकिन इस काम में काफी विलंब हो रहा है, क्योंकि सरकार ने 2023 फरवरी में ही जातीय गणना कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
आर्थिक सर्वेक्षण भी किया जाएगा: सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सरकार सभी धर्म के लोगों की जातियों की गिनती करेगी. सभी परिवार की आर्थिक सर्वेक्षण भी करेगी. इसके साथ सभी मकानों की नंबरिंग भी की जाएगी. जातीय गणना ऐप के माध्यम से होगी. साथ ही ऑफलाइन भी गणना की जाएगी, जिससे कहीं भी त्रुटि न रहे. सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का यह भी कहना है कि कोई छूट न जाए इसका पूरा इंतजाम किया जा रहा है.
गणना के लिए डीडीसी की अध्यक्षता में कमिटी गठित: यदि कोई छूट जाते हैं तो उनके लिए बाद में भी शामिल करने का इंतजाम किया जाएगा. सभी जिले के डीएम को जाति आधारित गणना का नोडल सह प्रधान गणना अधिकारी बनाया गया है. पटना जिले में गणना के लिए डीडीसी की अध्यक्षता में कमिटी गठित किया गया है. जातिगत जनगणना कराने की जिम्मेवारी पूरी तरह से सामान्य प्रशासन विभाग की है. सामान्य प्रशासन विभाग और डीएम ग्राम पंचायत और उच्च स्तरों पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कर्मियों की सेवाएं इसके लिए ले सकेंगे.
गणना में शिक्षकों की भी लगाया जाएगा: सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार गणना में बड़ी संख्या में शिक्षकों को भी लगाया जाएगा. पटना में ही 4000 गणना करने वाले कर्मचारियों को लगाया जाएगा. हालांकि, इसके लिए अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है लेकिन जो जानकारी मिल रही है कि वेबसाइट और ऐप के तैयार होने के बाद अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. वेबसाइट के माध्यम से ही मुख्यालय से इसकी निगरानी की जाएगी. जिन लोगों को जातीय गणना में लगाया जाएगा, उन्हें ऐप और वेबसाइट को लेकर ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
जातीय जनगणना में अब तक हुई प्रगति -
- 1 जून 2022 को नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में जातीय जनगणना पर फैसला हुआ था.
- 2 जून 2022 को एनडीए सरकार की कैबिनेट ने जातीय जनगणना पर मुहर लगी थी.
- जातीय गणना के लिए नीतीश सरकार ने 500 करोड़ की स्वीकृति कैबिनेट में दी.
- फरवरी 2023 तक जातीय गणना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया.
- मुख्यमंत्री ने 1 महीने में पूरी तैयारी के बाद जातीय जनगणना शुरू करने की बात कही थी.
- 4 महीने बाद भी न तो वेबसाइट बना है और ना ही ऐप, जिसपर गणना शुरू होना है.
- जातीय गणना में सभी धर्म के जातियों की गिनती होगी और सभी मकानों का नंबरिंग किया जाएगा.
- जो बिहार से बाहर है उसकी भी गिनती की जाएगी.
- सामान्य प्रशासन विभाग को जातीय गणना करने की दी गई जिम्मेवारी, सभी डीएम को जिले का नोडल पदाधिकारी बनाया गया.
- जातीय गणना में विलंब होने का एक बड़ा कारण नगर निकाय का चुनाव भी रहा है.
1931 के बाद नहीं हुई जातीय गणना: जातीय गणना के लिए एप और वेबसाइट तैयार होने के बाद जो इस काम में लगेंगे, उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और इसमें भी कुछ समय लग सकता है. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पूरी तैयारियों के बाद जातीय गणना के लिए दिशानिर्देश जारी होगा. उसके बाद ही जातीय गणना शुरू हो पाएगा. ऐसे 1931 के बाद देश में जातीय जनगणना नहीं कराई गई है. कराई भी गई है तो उसका कोई आंकड़ा जारी नहीं हुआ है. बिहार से पहले कर्नाटक की सरकार ने भी 2014-15 में जातीय गणना कराया था, लेकिन उसका आंकड़ा जारी कर्नाटक की सरकार ने नहीं किया.
नवंबर तक गणना शुरू होने की उम्मीद: ऐसे केंद्र सरकार के तरफ से भी 2011 में जातीय जनगणना कराई गई थी, लेकिन उसमें कई तरह की त्रुटियां थी. इसीलिए वह रिपोर्ट जारी नहीं किया गया. क्योंकि 1931 में जब जातीय जनगणना हुई थी, उसमें देश में 24 जातियों की गणना कराई गई थी लेकिन 2011 में 428000 जातियां और उपजातियां सामने आई थी. इसी कारण कई तरह की त्रुटियां रह गई. ऐसे में बिहार पहला राज्य होगा जहां इतने बड़े पैमाने पर जातीय गणना कराने की तैयारी हो रही है. अधिकारियों के अनुसार अक्टूबर के अंत तक या फिर नवंबर में जातीय जनगणना का कार्य शुरू हो सकता है.
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