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नीतीश सरकार के लिए जातीय गणना और आरक्षण सीमा बढ़ाना 2023 में रही बड़ी उपलब्धि

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 31, 2023, 5:11 AM IST

साल 2023 समाप्त होने वाला है. लोग नये साल की तैयारी में जुटे हैं. 2023 बिहार सरकार के लिए कैसा रहा, इसका एक आंकलन हम आपको बताने जा रहे हैं. साल 2023 में बिहार सरकार की उपलब्धि क्या रही, पढ़िये.

नीतीश सरकार
नीतीश सरकार

पटना: बिहार सरकार के लिए बीत रहा साल 2023 यादगार रहा. नीतीश सरकार के लिए 2023 कई उपलब्धियां भर रहा है. सबसे बड़ी उपलब्धि जातीय गणना की रिपोर्ट जारी करना और उसके आधार पर आरक्षण की सीमा को बढ़ाना रहा. नीतीश सरकार ने बिहार में जातीय गणना को सफलतापूर्वक करवाया और उसकी रिपोर्ट भी जारी की. जातीय गणना के आधार पर अति पिछड़ा, पिछड़ा और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया.

राज्य सरकार ने लिया जातीय गणना कराने का फैसला: बिहार से पहले कर्नाटक और दूसरे राज्यों में जातीय गणना की रिपोर्ट तैयार तो की गई, लेकिन उसे जारी नहीं किया गया. वहीं नीतीश सरकार ने कई तरह की विवादों और अवरोध के बावजूद जातीय गणना की रिपोर्ट तैयार की और उसे जारी किया. जून, 2022 में कैबिनेट से जातीय गणना कराने का नीतीश सरकार ने फैसला लिया. उससे पहले सर्व दलीय समिति नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से भी मिला था. लेकिन, केंद्र सरकार के जातीय गणना कराने से इनकार कर दिया. जिसके बाद नीतीश सरकार ने अपने संसाधनों से इसे कराने का फैसला लिया.


आरक्षण की सीमा 75 फीसदी तक बढ़ाने का फैसलाः पहले चरण में इस साल 7 जनवरी से 31 जनवरी तक मकान का सर्वे किया गया और मकान को विशेष नंबर दिया गया. फिर दूसरे चरण में 15 अप्रैल से लोगों की गणना शुरू हुई. हालांकि बीच में हाई कोर्ट के रोक के कारण गणना का काम रुक गया. लेकिन, कोर्ट ने सारी याचिका खारिज कर दी इसके बाद सरकार की ओर से अगस्त में गणना का काम पूरा किया गया. 2 अक्टूबर को नीतीश सरकार की ओर से रिपोर्ट भी जारी कर दी. इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने आरक्षण की सीमा 75% तक बढ़ाने का फैसला लिया.


1931 में जातीय गणना करायी गयी थीः बिहार सरकार की ओर से जो जातीय गणना कराई गई उसमें 2 करोड़ 83 लाख 94 हजार से अधिक परिवार का सर्वेक्षण करवाया गया. बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख से अधिक होने का पता चला. सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट तैयार करने में 500 करोड़ रुपए की राशि खर्च भी की. पटना हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया. लेकिन फैसला सरकार के पक्ष में आया. देश में 1931 में जातीय गणना करायी गयी थी और उसके बाद देश में पहली बार किसी राज्य में इस तरह का रिपोर्ट तैयार कर जारी की गयी. जातीय गणना के सर्वे रिपोर्ट में 94 लाख गरीब परिवार के लिए नीतीश सरकार ने योजना चलाने का भी फैसला लिया है.

बड़ी संख्या में शिक्षक नियुक्तिः जातीय गणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने के अलावा नीतीश सरकार के खाते में 2023 में कई बड़ी उपलब्धियां रही हैं. उसमें एक बड़ी उपलब्धि 122000 शिक्षकों की बहाली प्रमुख है. महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने 10 लाख नौकरी 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था. 2023 में सरकार की ओर से 122000 शिक्षकों की वैकेंसी निकाली गयी. देश में किसी राज्य में एक साथ एक पोस्ट के लिए इससे अधिक वैकेंसी नहीं निकाली गई थी. सरकार ने सफलतापूर्वक बहाली प्रक्रिया भी पूरी की. फिर शिक्षकों की नियुक्ति भी कराई.

नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्टः शिक्षक बहाली के अलावा नीतीश सरकार की ओर से स्वास्थ्य, पुलिस, पीएचईडी, राजस्व एवं भूमि सुधार, जल संसाधन सहित कई विभागों में बहाली के बाद नियुक्ति दी गई. पटना में मरीन ड्राइव का शुरू होना भी बड़ी उपलब्धियां में है. बताया जाता है कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट था. सरकार ने इस पर 5000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर रही है.

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