पटनाः बदलते परिवेश में युवाओं में अब हार्ट अटैक(Heart Attack Cases Increase In Youth) के मामले पहले से अधिक बढ़ गए हैं. कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के सीएडी रजिस्ट्री की मानें तो विगत 10 वर्षों में 20 से 40 वर्ष के उम्र के युवाओं में लगभग 40 फीसदी कार्डियक प्रॉब्लम के मामले बढ़े हैं. जिसमें हर्ट अटैक भी शामिल है. युवाओं में बढ़ती इस परेशानी को लेकर ईटीवी संवाददाता ने पटना एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार (Cardiologist Doctor Sanjeev Kumar) और पीएमसीएच के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ उपेंद्र नारायण सिंह (Cardiologist Doctor Upendra Narayan Singh) से बातचीत की. जहां दोनों डॉक्टरों ने युवाओं में बढ़ रही इस बीमारी के कई कारण और लक्षण बताए.
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20 से 40 साल के युवाओं में बढ़े हार्ट अटैक के मामलेः पटना एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजीव कुमार ने बताया कि कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से एक सीएडी रजिस्ट्री चलती है, कॉरिनरी आर्टरी डिजीज की रजिस्ट्री. इसके आंकड़ों को यदि देखें तो पता चलता है कि बीते 10 वर्षो में 20 से 40 वर्ष के बीच के युवाओं में कॉरिनरी आर्टरी डिजीज और हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़े हैं जिसका कारण तनाव भरी जिंदगी है. उन्होंने कहा कि युवाओं में जो आगे बढ़ने की होड़ है उसको लेकर अत्यधिक तनाव में रहते हैं. खानपान में भी रेगुलेरिटी नहीं रहती है. फिजिकल और मेंटल स्ट्रेस के साथ-साथ कुछ फैक्टर एक्स जो आधुनिक लाइफस्टाइल में शामिल है उसके कारण आर्टरी डिजीज और हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. 20 से 40 वर्ष के युवाओं में बीते 10 वर्षों में लगभग 40 फीसदी हार्ट अटैक समेत अन्य कार्डियक प्रॉब्लम के मामले बढ़ गए हैं.
"इसकी प्रमुख वजह मॉडर्न लाइफस्टाइल है. मॉडर्न लाइफ स्टाइल में लोगों का अत्यधिक तनाव लेना, जिम कल्चर में जिम में जाकर बिना वार्म अप किए क्षमता से अधिक एक्सरसाइज करना जिम में बॉडी बनाने के लिए हेवी प्रोटीन डाइट लेना, एयर पोलूशन और स्मोकिंग हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के लिए प्रमुख कारण हैं.कोविड के बाद की बात करें तो पोस्ट कोविड सिंड्रोम में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. कोरोना एक थर्मोजेनिक डिजीज थी जिसमें खून की नालियों में थक्का जम जाता था और इस थक्का जमने के कारण यदि हृदय की धमनियों में थक्का जम जाए या हाथ पैर के धमनियों में थक्का बन जाए तो आदमी सुस्ती महसूस करने लगता है थकान बढ़ने लगती है और हार्ट अटैक भी आ सकते हैं. पोस्ट कोविड सिंड्रोम की बात करें तो 15% एम्स में ऐसे मामले मिले जिनके हृदय की धमनियों में खून का थक्का जम जा रहा था. हृदय से संबंधित अन्य शिकायतें भी बढ़ी"- डॉक्टर संजीव कुमार, हृदय रोग विशेषज्ञ पटना एम्स