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अभ्यर्थियों ने मेहंदी लगा CM नीतीश से की प्राथमिक शिक्षक नियोजन कराने की मांग - bihar education board

बिहार में प्राथमिक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पर ग्रहण लगा हुआ है. मामला कोर्ट में लंबित है और इसे एक साल पूरा हो चुका है. ऐसे में शिक्षक अभ्यर्थियों को लगातार डर सता रहा है कि चुनाव से पहले ये प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, तो उन्हें आगे कई साल इंतजार करना पड़ सकता है.

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Published : Aug 22, 2020, 3:33 PM IST

Updated : Aug 22, 2020, 3:53 PM IST

पटना:कोरोना काल के दौरान वर्चुअल मीटिंग का दौर शुरू है, तो वहीं सरकार से लोग ऑनलाइन माध्यमों से अपनी मांग रख रहे हैं. मानें, सड़क पर दिखने वाला धरना प्रदर्शन, अब सोशल मीडिया पर किया जा रहा है. बिहार में शुक्रवार ऐसा ही एक आंदोलन प्राथमिक शिक्षक नियोजन को लेकर अभ्यर्थियों ने शुरू किया. वहीं. महिला अभ्यर्थियों ने नए अंदाज में नियोजन की मांग सरकार से की.

हरितालिका तीज के मौके पर हजारों महिला अभ्यर्थियों ने ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार और प्राथमिक शिक्षा निदेशक रणजीत कुमार सिंह से 1 से 5 तक की नियोजन प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने की गुहार लगाई. इसके लिए '#एक_से_पांच_मेधा_सूची_जारी_करो' हैज टैग के साथ सरकार से अपनी मांग रखी. धीरे-धीरे इस वर्चुअल मांग में हजारों शिक्षक अभ्यर्थी ट्वीट करने लगे और ये ट्विटर पर तेजी के साथ ट्रेंड करने लगा.

कुछ ऐसी तस्वीरें भी हुईं ट्वीट
  • महिलाओं ने उपवास के साथ-साथ अपने हाथों पर मेहंदी लगाकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई.
  • ट्वीट कर अपील की गई कि 1 साल से शिक्षक नियोजन प्रक्रिया बाधित है, इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाए.
  • इस दौरान शिक्षक अभ्यर्थियों का आक्रोश भी देखने को मिला.
  • कई अभ्यर्थियों ने अपनी आर्थिक तंगी का जिक्र करते हुए सरकार से इसे चुनाव से पहले पूरा कराने की मांग की.
  • एनआईओएस डीएलएड शिक्षक संघ के पप्पू कुमार ने भी अपनी मांग रखी.
  • इस दौरान भूख हड़ताल की तस्वीरें भी सामने आईं.
    महिला अभ्यर्थियों की मांग

क्या बोला डीएलएड शिक्षक संघ
पप्पू कुमार ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 1 साल से शिक्षक नियोजन प्रक्रिया टलता आ रही है. आज भी सरकार मौन हैं. सीए और आईए बोल दिया गया कि सरकार की तरफ दायर कर दिया गया है. लेकिन अभी तक पटना हाई कोर्ट की वेबसाइट पर ये दिख नहीं रहा है. ना ही इसका कोई अता पता है. बिहार सरकार का रवैया ढुलमुल है. इसी की वजह से आज तक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया कंप्लीट नहीं हो पाया है. अभ्यर्थियों की मांग है कि एडवोकेट जनरल को इस मामले में इंवॉल्व किया जाए और जल्द से जल्द सुनवाई करा के दोनों केस का डिस्पोजल किया जाए. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सरकार नियोजन पूरा करवाए.

शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग

'चढ़ा राजनीतिक रंग'
मौका चुनाव का है, तो धरने प्रदर्शन में चुनावी रंग चढ़ना लाजमी है. ऐसे में सूबे की सबसे बड़ी पार्टी राजद ने शिक्षक अभ्यर्थियों की चलाई गई मुहीम में हिस्सा लेते हुए सरकार को घेरा. ट्वीट के दौरान ही एक शिक्षक अभ्यर्थी ने पूछ लिया कि अगर चुनाव के पहले नियोजन नहीं होता, तो राजद इसे अपने चुनावी मेनिफेस्टो में शामिल करेगी. इसपर पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने ट्वीट कर रिप्लाई दिया, 'निश्चित रूप से आपकी मांगों को राजद के घोषणा पत्र में शामिल किया जायेगा' एक अन्य ट्वीट में चितरंजन गगन लिखते हैं, 'एक बार तेजस्वी यादव पर भरोसा करके देखिए. 15 साल नीतीश कुमार जी और सुशील मोदी जी को मौका दिये हैं. एक बार अपने नौजवान साथी तेजस्वी को मौका देकर देखिये, जो कहते हैं वो करते हैं.

आरजेडी प्रदेश प्रवक्ता का ट्वीट

बहरहाल, ईटीवी भारत से कई शिक्षक अभ्यर्थी लगातार अपनी मांगों को लेकर चर्चा करते रहे हैं. सरकार और संबंधित अधिकारी इस बात से ना नहीं करते ही कि ये नियोजन प्रक्रिया पूरी नहीं होगी. मामला कोर्ट में फंसे होने के कारण पूरी प्रक्रिया में शुरू से विलंब होता रहा है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक की मानें, तो सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द नियोजन पूरा हो जाए.

Last Updated : Aug 22, 2020, 3:53 PM IST

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