पटना : फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम आगामी 7 अगस्त 2019 से बिहार के 17 जिलों में चलाया जाएगा. इसकी सफलता के के लिए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार, पीसीआई और विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से राजधानी पटना के होटल मोर्या में कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम के बारे में बताते फाइलेरिया विशेषज्ञ घर-घर घूमकर खिलाई जाएगी दवा
इस कार्यशाला में बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति एवं विश्वास संगठन, पीसीआई के प्रतिनिधि एवं अन्य विशेषज्ञों ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी क्या है. इसके बचाव क्या हैं और पूरे बिहार के 17 जिलों में इसकी शुरुआत कैसे करनी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फाइलेरिया को लेकर घर-घर घूमकर दवा खिलाने की योजना बनाई है. राज्य के 17 जिलों में 7 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से राज्य सेवा समिति की तरफ से यह कार्यक्रम चलाया जाएगा.
2020 तक फाइलेरिया उन्मूलन का संकल्प
राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासक प्राधिकारी खालिद अरशद ने बताया कि सरकार के वर्ष 2020 तक फाइलेरिया उन्मूलन के संकल्प को साकार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. इसको लेकर 2 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी. गंभीर रोग से ग्रसित एवं गर्भवती महिला को छोड़कर सभी लोगों को दवा का सेवन कराना है. साल में एक बार खिलाई जाने वाली दवा यदि लगातार 5 साल तक दी जाए तो फाइलेरिया के संक्रमण को रोका जा सकता है.
17 जिलों में चलेगा अभियान
यह कार्यक्रम बिहार के 17 जिला में 7 अगस्त से शुरू किया जाना है.
- बेगूसराय
- भागलपुर
- बक्सर
- पूर्वी चंपारण
- पश्चिमी चंपारण
- गया
- जहानाबाद
- पटना
- खगड़िया
- मधेपुरा
- मुजफ्फरपुर
- सारण
- सुपौल
साथ ही अन्य जिलों को भी अभियान में शामिल किया गया है. श्रावणी मेला और बाढ़ के कारण यह अभियान राज्य के 24 जिलों की जगह 17 जिलों में चलाने का निर्णय लिया गया है.
जानकारी देते स्टेट को-ऑर्डिनेटर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों की मानें तो बिहार के 38 जिले इस बीमारी से प्रभावित हैं. इसका प्रभाव बिहार सहित भारत के 16 राज्यों में और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में है. यह संक्रमित मच्छर क्यूलेक्स के काटने से फैलता है. यह एक दर्दनाक और मुश्किल से पकड़ में आने वाला रोग है, जिसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाते हैं. यह एक गंभीर रोग है, जिसके कारण शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है. आम तौर पर यह संक्रमण लसीका प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है. फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता जैसे पैरों में सूजन, इसे हाथी पांव भी कहते हैं.
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 7 अगस्त से अभियान पोलियो की तरह अंगुलियों में लगाए जाएंगे निशान
2 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीसी की एक गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीसी की दो गोली और15 वर्ष से अधिक के लोगों को डीसी की तीन गोली खिलानी है. साथ ही सभी को एल्बेंडाजोल की एक गोली खानी है. कार्यक्रम के बेहतर संचालन के लिए दो ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर की एक टीम बनाई गई है. प्रत्येक टीम में 2 आशा बहन को शामिल किया गया है. दो ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को अधिक से अधिक 400 या दो हजार आबादी का दौरा कर लोगों को दवा खिलाने की जिम्मेदारी दी गई है. अभियान के पहले दिन से छठे दिन तक और 8 दिन से 13 दिन तक एक टीम 40 से 50 घरों का दौरा कर लक्षित लोगों को दवा खिलाएगी. दवा खिलाने वाले लोगों को पोलियो की तरह उनके अंगुलियों में निशान लगाएंगे.