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ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के विरोध में सड़क पर उतरे CAIT के व्यापारी, DM को सौंपा ज्ञापन - मूल्यांकन मापदंड

कैट बिहार अध्यक्ष अशोक वर्मा ने कहा कि सभी व्यापारियों ने फ्लिपकार्ट और अमेजन के विरोध में मार्च निकाला. उनका कहना है कि ऑनलाइन कंपनियों के कारण उनका धंधा चौपट हो गया है, वह कर्ज में डूबे हुए हैं.

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का विरोध

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Published : Nov 25, 2019, 10:45 PM IST

पटना: कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के लोगों ने सोमवार को ऑनलाइन शापिंग कंपनी के खिलाफ विरोध जताया. कैट के लोगों ने अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के विरोध में 500 से अधिक शहरों में विरोध मार्च निकाला. राजधानी में कैट के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और कैट बिहार के चेयरमैन कमल नोपानी के नेतृत्व में व्यापारियों ने गांधी मैदान थाना से लेकर डीएम कार्यालय तक मार्च किया.

मार्च के बाद व्यापारियों ने डीएम को ज्ञापन भी सौंपा. मौके पर मौजूद कैट बिहार के अध्यक्ष अशोक वर्मा ने कहा कि सभी व्यापारियों ने फ्लिपकार्ट और अमेजन के विरोध में मार्च निकाला. उनका कहना है कि ऑनलाइन कंपनियों के कारण उनका धंधा चौपट हो गया है, वो कर्ज में डूबे हुए हैं.

कैट बिहार के चेयरमैन कमल नोपानी

ऑनलाइन कंपनियों के सीईओ से मिलेंगे पीएम मोदी
बता दें कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के सीईओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए इंडिया आ रहे हैं. ऐसे में कैट की मांग है कि प्रधानमंत्री उनसे मिलने से पहले कैट के नेशनल प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी से एकबार बात कर लें. कैट के प्रतिनिधि उन्हें बताएंगे कि ऑनलाइन कंपनियों के व्यापार में कितनी खामियां है.

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मूल्याकंन का होना चाहिए एक मापदंड
कैट पटना के महाध्यक्ष प्रिंस कुमार ने कहा कि वर्तमान में मूल्यांकन का एक मापदंड होना चाहिए. जिस तरह से जीएसटी लागू की गई, उसी तरह हर प्रोडक्ट का एक मूल्यांकन मापदंड हो. अगर डिस्काउंट ऑनलाइन दिया जा सकता है तो ऑफलाइन का भी प्रवाधान होना चाहिए. मौजूदा समय में व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है.

ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का विरोध

दो कारणों से हो रहा है ऑनलाइन कंपनियों का विरोध
कैट बिहार के चेयरमैन कमल नोपानी ने बताया कि ऑनलाइन कंपनियों के विरोध का दो कारण हैं. पहला यह कि छोटे व्यापारियों का व्यापार ठप हो चुका है और वह भारी घाटे में चल रहे हैं. दूसरा कि ऑनलाइन कंपनियां भारी डिस्काउंट देती हैं. साथ ही कई बार निकली माल भी बेचती हैं. उनकी मांग है कि प्रोडक्ट्स की कीमत ऑनलाइन और ऑफलाइन एक ही रहे.

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