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पटना: कैट ने वित्तमंत्री को भेजा पत्र, रिटेल व्यापार की सुरक्षा हेतु जरूरी कदम उठाने की अपील

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और प्रवीन खंडेलवाल की ओर से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजा गया है. जिसमें केंद्र सरकार की सलाह के अनुसार देशभर के व्यापारियों ने मार्च 2020 की अवधि के लिए अपने कर्मचारियों को पूर्ण वेतन का भुगतान करने के लिए कहा गया है

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

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Published : May 7, 2020, 12:51 PM IST

पटना: कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को केंद्र की ओर से भेजे एक पत्र में कैट ने देश के व्यापारिक समुदाय के लिए आर्थिक पैकेज का आग्रह किया. जिसमें उनका ध्यान रिटेल व्यापार की ओर से सामना किए जा रहे कुछ मुख्य मुद्दों की ओर आकर्षित किया है. जिसके कारण से व्यापारियों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ रहा है. कैट ने कहा कि वर्तमान लॉकडाउन के समय में व्यापार पूरी तरह से बंद है और पूंजी का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है. इस स्थिति को देखते हुए यदि सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो भारत में खुदरा व्यापार की मूल संरचना खराब हो जाएगी.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को भेजा पत्र
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल की ओर से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजा गया है. जिसमें केंद्र सरकार की सलाह के अनुसार देशभर के व्यापारियों ने मार्च 2020 की अवधि के लिए अपने कर्मचारियों को पूर्ण वेतन का भुगतान करने के लिए कहा गया है. जबकि व्यापारी बेहद अधिक आर्थिक तंगी में थे. लेकिन अब अप्रैल महीने के वेतन का भुगतान करना देशभर के व्यापारियों के लिए बेहद मुश्किल है. वहीं, यदि व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया तो उनके व्यापार को वित्तीय संकट झेलना पड़ेगा. जिसके चलते देश के खुदरा व्यापार की मूल वित्तीय नींव हिल जाएगी.

कैट ने वित्तमंत्री को भेजा पत्र

वेतन का भुगतान करने की अपील
कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी, महासचिव डा. रमेश गांधी और कोषाध्यक्ष अरूण कुमार गुप्ता ने वित्तमंत्री से अपील कि सरकार के पूरा वेतन देने के पूर्व के निर्णय पर पुनर्विचार करें. बेहतर होगा यदि सरकार व्यापारियों को अपने कर्मचारियों के साथ वेतन के आपसी समझौते के अनुसार वेतन का भुगतान करने या व्यापारियों को 30 प्रतिशत वेतन का भुगतान करने की अनुमति दें. जो कर्मचारी की आजीविका के लिए पर्याप्त है. अन्यथा वैकल्पिक रूप से सरकार कर्मचारियों के वेतन के भुगतान में 50 प्रतिशत योगदान करें. व्यापारी 25 प्रतिशत योगदान दें और बाकी 25 प्रतिशत कर्मचारियों की ओर से वहन किया जाए. वर्तमान परिदृश्य के तहत जब कोई व्यापार ही नहीं हो रहा है और व्यापारियों पर कई वित्तीय दायित्व है, तो न्याय की दृष्टि से इस गंभीर मुद्दे पर सरकार का हस्तक्षेप आवश्यक है.

कैट ने वित्तमंत्री से की अपील

व्यापारी बैंकों से उचित ब्याज दर पर लें ऋण
कैट सारण जिलाध्यक्ष वरूण प्रकाश और सीवान जिलाध्यक्ष शेख मंसूर आलम ने आगे सुझाव दिया कि मुद्रा योजना को संशोधित करते हुए व्यापारी बैंकों से उचित ब्याज दर पर ऋण लें. ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए और मुद्रा योजना के तहत अधिकतम राशि रुपये 10 लाख को 25 लाख तक बढ़ाया जाना चाहिए. साथ ही गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों को मुद्रा लोन देने के लिए एक जनादेश दिया जाना चाहिए. बैंकों को इन एनबीएफसी को कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करने के लिए कहा जाना चाहिए.

कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा

ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम का सुझाव
कैट महानगर अध्यक्ष प्रिंस कुमार राजू और सचिव संजय बरनवाल ने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक के तहत ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम लें. इसके अंतर्गत किसी भी खरीदार इकाई जिसका वार्षिक टर्नओवर 300 करोड़ रुपये से ऊपर है. उसको दिए गए सामान के बिल का भुगतान विभिन्न एजेंसियों की ओर से डिस्कॉउंटिंग के रूप में किया जाता है. औसत व्यापारी इस योजना का लाभ उठाने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके अधिकांश खरीदार उपरोक्त सीमा से बहुत कम का कारोबार करते हैं. कैट ने सुझाव दिया है कि एक साल के लिए इस योजना के अंतर्गत 300 करोड़ रुपये की आवश्यकता को घटाकर 10 करोड़ रुपये तक लाया जाना चाहिए.

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